-कानपुर में IPL पर लगाए जा रहे बड़े सट्टे के खुलासे के बाद क्राइम ब्रांच और STF हुई फास्ट

-2013 में भी IPL के दौरान पकड़ा गया था सटोरियों का गैंग, मेन आरोपी महेन्द्र के कानपुर के बुकी मनोज कटियार से मिले थे संबंध

VARANASI

आईपीएल मैच जारी है और इसके साथ ही चल रहा है सट्टे का कारोबार लेकिन कानपुर में दो दिन पहले सटोरियों के पकड़े जाने के बाद बनारस में सट्टा अब बहुत संभलकर लगाया जा रहा है। वजह कानपुर में पकड़े गए सटोरियों ने पूछताछ में अपने तार बनारस समेत कई दूसरे शहरों से भी जुड़े होने की बात कबूली है। इससे पहले ख्0क्फ् में भी आईपीएल के दौरान पुलिस ने बड़े सटोरिये महेन्द्र का पकड़ा था। इसका संबंध कानपुर में बैठे मेन बुकी मनोज कटियार से थे। इस खुलासे के बाद एसटीएफ व क्राइम ब्रांच सटोरियों के इस पुराने नेक्सेस को खंगालने में जुट गई है।

अब संभल गए हैं सटोरिये

कानपुर में दो दिन पहले पुलिस ने आईपीएल पर सट्टे के धंधे का बड़ा खुलासा किया था। जिसमें 90 लाख से ज्यादा का सट्टा लगने की बात सामने आई थी। पकड़े गए सटोरियों ने पूछताछ में बनारस में अपने कई साथियों के एक्टिव रहने की बात बताई थी। जिसके बाद यूपी एसटीएफ ने बनारस की यूनिट को इस मामले में निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। सोर्सेज के मुताबिक साड़ी और रेशम मंडी में ज्यादा निगरानी की जा रही है। वजह पिछले दिनों यहां से बुकी महेन्द्र और उसके साथी पकड़े गए थे। इनके कॉन्टेक्ट आईपीएल में खेल रहे कई प्लेयर्स तक से थे। इसके अलावा दो साल पहले चेतगंज में भी एक घर से चार सटोरियों को लोगों को सट्टा खेलवाते हुए पकड़ा गया था। एसपी क्राइम त्रिभुवन सिंह के मुताबिक इस बड़े खुलासे के बाद जांच की जा रही है।

सट्टेबाज और अड्डे

- गोलघर, चौक, ठठेरी बाजार, मदनपुरा स्थित साड़ी कारोबारी सट्टेबाजी में खास इंटरेस्ट लेते हैं।

- दालमंडी, दवा मंडी, बेनियाबाग, नई सड़क, पाण्डेयपुर और विशेश्वरगंज मंडी के कारोबारी भी लगा रहे हैं दांव

- सिटी के भेलूपुर, सिगरा, महमूरगंज, दशाश्वमेध और चेतगंज में भी जमकर चल रहा है कारोबार।

- पाण्डेयपुर, हुकुलगंज, नई बस्ती, दौलतपुर, लालपुर, अर्दली बाजार समेत कई कॉलोनियों में सट्टा लग रहा है

कैसे होता है ये खेल

- सट्टेबाजी की शुरुआत मैच शुरू होने के पहले से ही हो जाती है।

- यदि मैच कमजोर और मजबूत टीम के बीच होती है तो मजबूत टीम की जीत पर रुपये लगाने वाले को कम रुपये मिलते हैं।

- जैसे मजबूत टीम की जीत पर एक हजार रुपये लगाने वाले को क्ख्00 या डेढ़ हजार रुपये ही मिलेंगे।

- कमजोर टीम की जीत पर एक हजार लगाने वाले को तीन हजार या पांच हजार तक मिल सकते हैं।

- मैच की हार-जीत पर दांव सामान्य सट्टेबाजी है जबकि मैच के दौरान हर पांच ओवर के सेशन के लिए दांव लगाना बड़े सट्टेबाजों की निशानी है।

- सेशन में अगले पांच ओवर में बैटिंग करने वाली टीम कितना रन बना लेगी, विकेट गिरेगा या नहीं, बॉलर को सफलता मिलेगी या नहीं, बैट्समेन चार रन या छह रन बना पाएगा या नहीं, इन पर दांव लगता है।

- बनारस में बैठे सटोरियो को टोटल बिजनेस का क्0 परसेंट तक प्रॉफिट मिलता है

- इनके नीचे के लोकल सटोरी इसमें से भ् परसेंट तक अपने नीचे वालों को देता है जबकि बुकिंग करने वाले दो परसेंट पर काम करते हैं।