छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र (18 छ्वह्वद्य4, छ्वहृहृ) : आप घर की खाली छत पर सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं, जिससे घर के सभी उपकरण एक साथ भी चला सकते हैं। इससे ना केवल आपको विद्युत विभाग के बिल से मुक्ति मिल जाएगी, बल्कि प्लांट लगाने में जो खर्च आएगा, उसकी आधी राशि भी झारखंड सरकार देगी।

ये बातें झारखंड रिनुएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ज्रेडा) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार ने बताई। सीआइआइ (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के आदित्यपुर स्थित ऑटो क्लस्टर में सेमिनार को संबोधित करते हुए कुमार ने बताया कि सौर ऊर्जा की बिजली पांच-छह वर्ष पहले तक सात रुपये प्रति यूनिट पड़ती थी, वह भी अब पारंपरिक ऊर्जा के आसपास पहुंच गया है। जे्रडा अब तक झारखंड के 100 भवन में पांच मेगावाट क्षमता का 'ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट' लगा चुकी है, जिसमें जमशेदपुर के एमजीएम व सदर अस्पताल शामिल हैं। अगले चरण में राज्य के 1400 भवनों को चिह्नित किया गया है, जिसमें सभी समाहरणालय, कस्तूरबा विद्यालय, सिविल कोर्ट आदि शामिल हैं। यदि यह प्रोजेक्ट कोई निजी स्कूल, कालेज या इंस्टीट्यूट लगाना चाहे तो 30 फीसद और उद्योग या कंपनी लगाए तो 10 फीसद सब्सिडी मिलेगी। झारखंड देश का इकलौता राज्य है जो सोलर पावर के लिए औद्योगिक इकाई को भी सब्सिडी दे रही है।

उद्यमियों को प्रोत्साहित किया

इससे पूर्व सेमिनार में सीआइआइ के वाइस चेयरमैन व समर्थ इंजीनिय¨रग कं। प्रालि। के एमडी किल्लोल कमानी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि आयडा की एमडी आकांक्षा रंजन व मुख्य अतिथि सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त छवि रंजन ने वर्षा जल संरक्षण व सौर ऊर्जा के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। धन्यवाद ज्ञापन जुस्को के प्रबंध निदेशक आशीष माथुर ने किया। अंत में तकनीकी सत्र हुआ, जिसमें सीआइआइ के डॉन डेविड ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग व टाटा स्टील के चीफ (पावर मैनेजमेंट) शरद कुमार ने सौर ऊर्जा के उपयोग की जानकारी दी। सेमिनार में एसिया के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल, ट्रस्टी एसएन ठाकुर, गुरदास राय, संजय सब्बरवाल, एके श्रीवास्तव, डॉ। महावीर राम, सिंहभूम चैंबर के उपाध्यक्ष नंदकिशोर अग्रवाल, आलोक चौधरी समेत आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के कई उद्यमी उपस्थित थे।

खेत से हटेंगे डीजल पंप

झारखंड सरकार की योजना है कि अगले एक-दो वर्ष में खेतों में लगे सारे डीजल पंप को सोलर पंप से बदल दिया जाएगा। इससे ना केवल डीजल की खपत कम होगी, बल्कि प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। इस योजना में किसान को 90 फीसद सब्सिडी मिलेगी। इसी तरह स्कूली बच्चों को सोलर टेबल लैंप बांटने की योजना है। गत वर्ष 3.2 लाख बच्चों में इसका वितरण किया जा चुका है। सोलर स्ट्रीट लाइट पर भी विस्तृत काम हो रहा है। इसके लिए झारखंड सरकार ने गुजरात रिनुएबल एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट (जरमी) से करार किया है।