- जीआरपी और सिविल पुलिस दर्ज नहीं करती है रिपोर्ट

BAREILLY:

बरेली जंक्शन की ओन रिस्क पार्किंग से 8 बाइक चोरी हो गईं। नोएडा की कंपनी का टेंडर खत्म होने के बाद भी रेलवे ने नए टेंडर नहीं निकाले और न ही पार्किंग में खड़े वाहनों की देखरेख के लिए सिक्योरिटी लगाई। लिहाजा, आए दिन बाइक चोरी हो रही हैं। जब पीडि़त शिकायत लेकर जीआरपी और सिविल पुलिस के पास जाती है, तो वह पीडि़त की रिपोर्ट दर्ज करना भी मुनासिब नहीं समझते हैं।

6 महीने से सिक्योरिटी लेस पार्किंग

जीआरपी थाने के बगल में बनी पार्किंग पिछले 6 महीने से सिक्योरिटी लेस है, जिसका फायदा बाइक चोर उठा रहे हैं। सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होने के कारण रात में ही नहीं दिन में ही बाइक चोरी हो जाती है। इसके बाद भी नॉर्दर्न रेलवे मुरादाबाद डीआरएम ऑफिस से कोई टेंडर नहीं निकाला है और न होई जंक्शन के अधिकारियों से टेम्पोररी तौर पर किसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई है।

पीडि़त हो रहे हैं परेशान

बाइक चोरी होने के बाद पीडि़त की कहीं रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है। जीआरपी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर होने का हवाला देकर रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर देती है। जब पीडि़त कोतवाली थाने पहुंचते हैं, तो सिविल पुलिस जीआरपी के यहां भेज देती है। उनका कहना होता है कि शिकायत की कॉपी पर पहले जीआरपी इंस्पेक्टर के सिग्नेचर लेकर आओ। लिहाजा, दोनों थानों के चक्कर में पीडि़त पिस कर रह जाते हैं।

निशुल्क पार्किंग का बोर्ड

सुरक्षा के इंतजाम करने की बजाय रेलवे ने सिर्फ निशुल्क पार्किंग का बोर्ड टांग दिया है। चूंकि जंक्शन पर दो पार्किंग हैं। इसलिए ज्यादातर लोग निशुल्क पार्किंग में ही बाइक खड़ी कर देते हैं। 1000 वाहन खड़ा करने की क्षमता वाले पार्किंग में वर्तमान समय में 200 से अधिक बाइक, स्कूटर और साइकिल खड़े हैं। शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद ड्यूटी और पढ़ाई करने रोजाना आने जाने वाले पैसेंजर निशुल्क पार्किंग में अपने व्हीकल खड़े कर जाते हैं।

बॉक्स मैटर

- 1000 वाहन खड़ा करने की क्षमता है पार्किंग की।

- 200 से अधिक बाइक, स्कूटर और साइकिल पार्किंग में खड़ी हैं।

- बाइक स्टैंड का ठेका खत्म हुए 6 महीने का समय बीत चुका है।

- नोएडा के एक ठेकेदार के पास था ठेका।

- रेलवे ने सुरक्षा के लिए एक भी सिक्योरिटी गार्ड तैनात नहीं किया।

- 8 से अधिक बाइक हो चुकी हैं चोरी।

- जीआरपी और सिविल पुलिस दर्ज नहीं करती है रिपोर्ट। पीडि़तों को होना पड़ता है परेशान।

पार्किंग की सीमा जीआरपी के क्षेत्र में नहीं आती है। जिसकी वजह से हम रिपोर्ट दर्ज नहीं कर पाते हैं। जो भी पीडि़त शिकायत लेकर आते हैं, उन्हें कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी जाती है।

विजय कुमार, इंस्पेक्टर, जीआरपी बरेली जंक्शन