RANCHI : बेटियां अनसेफ हैं। बेटियों के खिलाफ हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। किसी के साथ रेप हो रहा है तो किसी की हो जा रही है हत्या। शारीरिक-मानसिक रुप से बेटियों को प्रताडि़त करने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में आम लोग गम और गुस्से में हैं बेटियों के इंसाफ के लिए वे आंदोलन-प्रदर्शन का रूख अख्तियार कर चुके हैं। उनकी यह जंग अब सड़क से सोशल मीडिया का रूख कर चुकी है। लेकिन, अफसोस है कि इस मामले में सरकार चुप है और विपक्ष के लिए यह कोई मुद्दा ही नहीं है। लोग हैरान हैं, हलकान हैं लेकिन हार मानने को तैयार नहीं हैं। जगह जगह प्रदर्शन और विरोध की तैयारियां तेज ही होती जा रही हैं।

सोशल साइट बना हथियार

जनता ने सोशल साइट फेसबुक, वाट्सअप, ट्विटर समेत अन्य माध्यमों को अपना अचूक हथियार बना लिया है। व्हाट्स एप्प पर 'जस्टिस फॉर वूमेन' नाम से कई ग्रुप बन चुके हैं। इस ग्रुप से लोगों के जुड़ने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। इससे बुद्धिजीवियों, अधिकारियों, नेताओं, पत्रकारों, डाक्टरों, शिक्षकों समेत हर तबके के लोगों को जोड़ा जा रहा है। यह व्हाट्स एप्प ग्रुप जनता को जगाना चाहते हैं कि आप अपने अधिकारों के प्रति सचेत हों, सतर्क हों और इंसाफ पाना आपका हक है। फेसबुक के जरिये उदगार निकाले जा रहे हैं। ट्विटर के जरिए भी ऐसी घटनाओं की निंदा की जा रही है।

सरकार-प्रशासन क्यों है खामोश

लोगों का आरोप है कि राजधानी में बेटियों के साथ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सरकार या प्रशासन का कोई अधिकारी सुध लेने तक नहीं आ रहा। वह लोग अपनी विफलता को छुपाने के लिए खामोशी की चादर ओढ़कर बैठे हैं।

विपक्ष की कब टूटेगी नींद

सरकार की इस विफलता पर जहां पूरे देश में विपक्ष इंसाफ के लिए सड़क पर उतरता है वहीं स्टेट में विपक्ष के दिग्गज नेता कुम्भकरणीय नींद में डूबे हैं। न तो कोई बेटियों की सुध लेने के लिए बाहर निकला न ही उनकी असुरक्षा पर सरकार से सवाल पूछे हैं।

किस नेता का कैसा है रूख

हेमंत सोरेन : नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले में बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके पास इस तरह के मामलों के लिये पर्याप्त वक्त नहीं है।

सुबोधकांत सहाय : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह सांसद सुबोध कांत सहाय फिलहाल रांची से बाहर हैं और उनका भी कोई स्पष्ट जवाब जनता के लिए नहीं है।

बाबूलाल मरांडी : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी सरीखे नेता भी अपनी उपस्थिति एक बार दिखाने के बाद शांत पड़ गए हैं।

डॉ दिनेश उरांव :राज्य विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने फेसबुक के जरिए अपनी पीड़ा व्यक्त की है। उनका मानना है कि बेटियों के साथ अत्याचार की जितनी निंदा की जाए, वह कम होगी।

आम आदमी पार्टी का राजभवन मार्च

बुधवार को आम आदमी पार्टी यूथ विंग ने झारखंड सहित पुरे देश में बढ़ते बलात्कार की अमानवीय घटना एवं महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ राजभवन मार्च किया एवं राज्यपाल को ज्ञापन सौपा। अलबर्ट एक्का चौक फिरायालाल से शुरू होकर राजभवन तक पहुँचा।