पुण्य तिथि पर स्मृति संवाद और काव्य पाठ का आयोजन

ALLAHABAD: महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की पुण्य तिथि पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अतिथि गृह सभागार में स्मृति संवाद और काव्य पाठ का आयोजन किया गया। मुक्तिबोध साहित्य मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम में समकालीन सांस्कृतिक परिदृश्य और निराला विषयक संवाद के मुख्य वक्ता हिन्दी कवि मदन कश्यप ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि निराला की नवजागरण चेतना अपने समय के कवियों से आगे थी। उन्होंने अपने आदर्श कवि तुलसीदास की तरह सत्ता के आतंक से पीडि़त पक्ष के लिए जोरदार ढंग से लिखा।

किसे भूलें किसे याद रखें

हरीश चंद्र पांडेय ने कहा कि निराला अपनी कविताओं में स्त्री की नयी छवि गढ़ते हैं और यह दृष्टि उन्हें नव जागरण से मिलती है। निराला मनुष्यता और रचना दोनो की कसौटी हैं। अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ आलोचक प्रोफेसर राजेंद्र कुमार ने कहा कि निराला को पढ़कर सीख मिलती है कि हम किसे भूलें और किसे याद रखें। कार्यक्रम का संचालन सूर्यनारायण, स्वागत वीरेन्द्र प्रताप एवं धन्यवाद ज्ञापन विवेक निराला ने किया। इसमें प्रो। संतोष भदौरिया, प्रो। असरार गांधी, नीलम शंकर आदि मौजूद रहे।