-सभी जिला अस्पतालों में जल्द स्थापित होंगी हीमोडायलिसिस यूनिट

-स्वास्थ्य मंत्री ने बलरामपुर अस्पताल में किया हीमोडायलिसिस यूनिट का शुभारंभ

हिमोडायलेसिस यूनिट स्वास्थ्य मंत्री

LUCKNOW:

किडनी की गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीजों को केजीएमयू व पीजीआई के साथ सरकारी अस्पतालों में भी डायलिसिस की सुविधा मिलेगी। सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस यूनिट खोली जाएंगी जिसकी शुरुआत हो चुकी है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बलरामपुर चिकित्सालय में पहली यूनिट का शुभारंभ हेल्थ मिनिस्टर ने किया। बलरामपुर के साथ पांच अन्य जिलों में भी जल्द यूनिट शुरू हो जाएंगी। जहां मरीजों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

पहले चरण में 18 जिलों में सुविधा

चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि बलरामपुर चिकित्सालय में यूनिट के संचालन का जिम्मा हेरिटेज हॉस्पिटल को दिया गया है। मेरठ, आजमगढ़, बाराबंकी, इलाहाबाद में भी जल्द यह सुविधा मिलने लगेगी। पहले चरण के तहत 18 जिलों में डायलिसिस यूनिट खुलनी है। उन्होंने कहा कि अभी 13 जिलों में यूनिट खोले जाने की तैयारियां चल रही हैं। जल्द ही वहां भी किडनी के मरीजों को इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि किडनी रोग से औसतन प्रतिवर्ष 13 हजार लोग प्रभावित होते हैं। इनके इलाज के लिए कम से कम 4100 डायलेसिस मशीनों की आवश्यकता होती है।

प्राइवेट के जिम्मे डायलिसिस यूनिट

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ। ईयू सिद्दीकी ने बताया कि हीमोडायलिसिस यूनिट का संचालन बनारस की संस्था हेरिटेज हॉस्पिटल की तरफ से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक डायलिसिस की जरुरत वाले मरीजों का पंजीकरण किया जा रहा है। इस मौके पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ। महेंद्र सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक आलोक कुमार, डीजी हेल्थ डॉ। पद्माकर सिंह, सीएमएस डॉ। ऋषि सक्सेना, चिकित्सा अधीक्षक डॉ। बीकेएस चौहान। गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ। राम प्रकाश, सीएमओ डॉ। जीएस बाजपेई, डॉ। एमएच उस्मानी, पूर्व सीएमओ डॉ। एसएनएस यादव सहित अन्य लोग मौजूद थे।

रोजाना 30 मरीजों को डायलिसिस

हेरिटेज के निदेशक डॉ। अंशुमान ने बताया कि तीन शिफ्ट में यूनिट का संचालन हो रहा है। 10 बेड की यूनिट को स्थापित करने में करीब दो करोड़ रुपये खर्च आया है। उन्होंने यूनिट की विशेषाएं भी उजागर कीं। यहां से डॉक्टर्स को वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी रखी गई है। ताकि जरुरत पड़ने पर अन्य अस्पतालों से संपर्क किया जा सके। डायलिसिस कराने वाले मरीजों को हर दूसरे दिन डायलिसिस करानी होती है। जिसके कारण यहां भी मरीजों को दूसरे दिन बुलाया जाएगा। यहां भी मरीजों को दूसरे दिन बुलाया जाएगा। हालांकि रोजाना तीन शिफ्ट में अधिकतम 30 मरीजों की डायलिसिस यूनिट के विस्तार की जरूरत पड़ेगी।