-डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन पर लगाया सहयोग न करने का आरोप

-बैक पेपर व पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर अनशन कर रहे स्टूडेंट माने

VARANASI

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के चीफ प्रॉक्टर प्रो। सभाजीत यादव ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। वीसी डॉ। पृथ्वीश नाग ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए मनोविज्ञान डिपार्टमेंट के प्रो। शंभू उपाध्याय को चीफ प्रॉक्टर की जिम्मेदारी सौंपी। नवनियुक्त चीफ प्रॉक्टर ने बैक पेपर की सुविधा व पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर अनशन कर रहे छात्रों को जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया।

लिखित आश्वासन पर माने

सेंट्रल ऑफिस के अंदर धरना दे रहे स्टूडेंट्स ने चीफ प्रॉक्टर के लिखित आश्वासन के बाद अपना आंदोलन समाप्त किया। इससे पूर्व धरने के दौरान छात्रों ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रों को पहले बैक पेपर व पुनर्मूल्यांकन की सुविधा मिलती थी, लेकिन संबद्धता के बोझ में दबने के बाद से काशी विद्यापीठ एडमिनिस्ट्रेशन ने यह सुविधा छीन ली है। छात्रनेता शशांक सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में छात्रों ने कई दिनों से बैक पेपर की सुविधा दिलाने को मुद्दा बनाया हुआ है और कैंपस में अनशन कर रहे हैं। बुधवार को भी छात्रों का सेंट्रल ऑफिस में अनशन जारी रहा। छात्रों का अनशन समाप्त कराने के लिए मौके पर नवनियुक्त चीफ प्रॉक्टर पहुंचे। चीफ प्राक्टर प्रो। उपाध्याय ने छात्रों को लिखित आश्वासन देते हुए बताया कि क्ख् जुलाई को होने वाली परीक्षा समिति की मीटिंग में इस मुद्दे को रखा जाएगा। इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद छात्रों ने अपना अनशन समाप्त किया। धरना देने वालों में छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक यादव, पूर्व महामंत्री नीरज पांडेय, अमित यादव, शिवशंकर चौहान आदि छात्रनेता शामिल रहे।

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन का रवैया बना कारण

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के चीफ प्राक्टर प्रो। सभाजीत यादव ने डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के रवैये से तंग आकर बुधवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बैक पेपर परीक्षा की बहाली को लेकर जारी छात्रों के अनशन के दौरान पुलिस प्रशासन ने बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। इसके बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने तुरंत ही प्रो। शंभू उपाध्याय को नया चीफ प्राक्टर बनाया।