एमफिल में UGC का नया रूल बना रोड़ा

-काशी विद्यापीठ में एमफिल कोर्स में मनमाना एडमिशन अब नहीं होगा आसान

-यूनिवर्सिटी में अब टीचर्स के सापेक्ष ही दाखिले के लिए सीटों का होगा निर्धारण

varansi@inext.co.in

VARANASI

एमफिल कोर्स में मनमाना एडमिशन अब आसान नहीं होगा। यूजीसी की गाइड लाइन ने इसमें रोड़ा अटका दिया है। इसे देखते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एमफिल की सीटें इस साल कम कर दी गयी हैं। कुछ सब्जेक्ट्स में एमफिल का कोर्स बंद भी हो सकता है। बहरहाल यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इसकी समीक्षा में जुट गया है ताकि मनमाने एडमिशन पर लगाम लगाया जा सके। यूजीसी ने पीएचडी की तरह एमफिल के लिए भी गाइड लाइन जारी की है।

एक प्रो। तीन को करा सकेंगे एमफिल

नयी गाइडलाइन के अनुसार अब एक प्रोफेसर अपने निर्देशन में तीन स्टूडेंट्स को ही एमफिल करा सकता है। इसी प्रकार एसोसिएट प्रोफेसर अधिकतम दो तथा असिस्टेंट प्रोफेसर अधिकतम एक एमफिल स्टूडेंट का ऑब्जर्वर/सह पर्यवेक्षक रह सकते हैं। ऐसे में अब टीचर्स के सापेक्ष ही एमफिल में एडमिशन लिया जाएगा। जबकि विद्यापीठ में अब तक ऐसा कोई रूल नहीं लागू था। इसके चलते एक-एक सब्जेक्ट में भ्0 से अधिक स्टूडेंट्स का एमफिल में एडमिशन किया जाता रहा है। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स की डिमांड पर एमफिल की सीट भी बढ़ा दी जाती थी। जबकि कई डिपार्टमेंट में टीचर्स की संख्या एक या दो है।

कहीं बंद न हो जाए कोर्स

काशी विद्यापीठ में सन् ख्007 में धड़ाधड़ खुले एमफिल के कई कोर्सेज पर नई गाइड लाइन के बाद बंद होने का भी खतरा मंडराने लगा है। कारण अब एमफिल के एडमिशन में मनमानी नहीं चलेगी। रजिस्ट्रार ओम प्रकाश ने बताया कि हेड को यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार ही एमफिल व पीएचडी में एडमिशन करने का लेटर भेजा गया है। हालांकि उनसे सीटों की संख्या भी मांगी गई है।

ये है गाइडलाइन

पोस्ट एमफिल पीएचडी

प्रोफेसर 0फ् 08

एसोसिएट प्रोफेसर 0ख् 0म्

असिस्टेंट प्रोफेसर 0क् 0ब्