-हेडक्वार्टर से बनारस रोडवेज विभाग को मिली हरी झंडी

-बनारस-इलाहाबाद रूट की एसी बसेज में पहले से तैनात हैं लेडी कंडक्टर्स

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बनारस-इलाहाबाद रूट की रोडवेज विभाग की एसी बसेज में लेडी कंडक्टर्स के बेहतर कार्यो को देखते हुए हेडक्वार्टर ने सिटी बसेज में भी लेडी कंडक्टर तैनात करने का डिसीजन लिया है। जल्द सिटी बसेज में लेडी कंडक्टर्स टिकट काटते हुए दिखेंगी। वजह इसलिए भी कि सिटी बसेज में ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स सहित वर्किंग वूमेन अधिक जर्नी करती हैं। उनके लिहाज से लेडी कंडक्टर्स की तैनाती बेस्ट रहेगी। इसके लिए रोडवेज हेडक्वार्टर से हरी झंडी भी मिल चुकी है।

तब नहीं होगा तीन-पांच

विभाग से ही जुड़े कुछ लोगों की मानें तो सिटी बसेज में इसलिए भी लेडी कंडक्टर्स की तैनाती जरूरी बताई जा रही है क्योंकि तब हिसाब-किताब में कोई गड़बड़ी नहीं हो पाएगी। जिस तरह जेंट्स कंडक्टर्स टिकट बनाने में तीन-पांच करते हैं ऐसा कारनामा लेडी कंडक्टर्स नहीं कर पाएंगी। आरएम, एआरएम, स्टेशन इंचार्ज के पास ऐसे अनगिनत कम्पलेन पहुंचते हैं जिनमें कंडक्टर्स की गलतियां सबसे अधिक होती हैं।

मृतक आश्रितों पर अधिक जोर

लेडी कंडक्टर्स के लिए उन्हीं को प्राथमिकता अधिक दी जा रही है जिनके पिता रोडवेज में कार्यरत रहे हैं या फिर पति का देहांत हो चुका है। ऐसी ही महिलाओं को कंडक्टर्स बनाया जा रहा है। ऐसी 20 से 30 महिलाएं जल्द सिटी बसेज में टिकट काटते दिखेंगी।

सिटी में चल रही 130 बसेज

सिटी ट्रांसपोर्ट की 130 बसेज शहर से लेकर सटे रूरल एरिया तक संचालित हो रही हैं। बनारस रोडवेज डिवीजन से संचालित आठ डिपो की मिलाकर कुल 546 बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 14 एसी बसेज और 130 अनुबंधित बसें चल रही हैं।

इलाहाबाद रूट की एसी बसेज में लेडी कंडक्टर्स के कार्यो को देखते हुए इन्हें अब सिटी बसेज में भी लगाने का डिसीजन लिया गया है.जल्द इनकी पोस्टिंग होगी।

विष्णु बल्लभ मिश्रा

एआरएम, रूरल

कैंट रोडवेज बस स्टेशन