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JAMSHEDPUR: शहर में सड़क किनारे ठेला लगाकर खाने, पीने की चीजें बेचने वाले दुकानदार बिना फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के दुकान नहीं लगा पाएंगे। सड़क पर ठेला लगाने और खाद्य सामग्री बेचने के लिए फूड डिपार्टमेंट, मेडिकल और पर्यावरण विभाग की एनओसी अनिवार्य होगी।

खुले में नहीं बिकेगा मांस

शहर में कहीं पर भी दुकान खोलकर मांस बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि शहर में एक भी स्लाटर हाउस नहीं होने से दुकानों में ही खस्सी-मुर्गे को काटा जाता है। इससे मांस के दूषित होने का खतरा बना रहता है। नियम के मुताबिक काटने से पहले जानवर का मेडिकल टीम द्वारा परीक्षण किया जाना चाहिए।

बिना लाइसेंस हो रहा कारोबार

शहर में फूड और सेफ्टी विभाग की सुस्ती के चलते हर साल बिना लाइसेंस और मानक के ही हजारों दुकाने खुल जाती है। जहां पर बिना किसी नियम मानक के ही मटन, चिकन का कारोबार हो रहा है।

फूड विभाग देता है लाइसेंस

शहर में मांस की बिक्री के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके साथ ही पर्यावरण विभाग से भी एनओसी लेनी होती है। फूड डिपार्टमेंट के लाइसेंस के लिए 100 रुपये की फीस देकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद 2000 रुपये के एनुअल चार्ज पर आपको एक साल का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।

मेडिकल विभाग देता है सार्टिफिकेट

फूड डिपार्टमेंट से रजिस्ट्रेशन के उपरांत एसीएमओ रैंक के डाक्टर द्वारा मांस की जांच की जाती है। वहीं होटल आदि में मांस काटने के लिए मेडिकल विभाग द्वारा सार्टिफिकेट निर्गत किया जाता है। सिविल सर्जन माहेश्वर प्रसाद ने बताया कि शहर में स्लाटर हाउस नहीं हो से खस्सी-मुर्गे को दुकानों में ही काटा जा रहा है।

पर्यावरण विभाग की एनओसी जरूरी

शहर में मांस और खाद्य सामग्री बेचने के लिए पर्यावरण विभाग की एनओसी भी अनिवार्य होती है। इसमें खस्सी-मुर्गा काटने के बाद वेस्ट से पर्यावरण को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचे इसका ध्यान रखना होता है।

शहर में सभी प्रकार के व्यापारिक दुकानदारों का एफएसएसएआई में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। जो भी दुकानदार रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे उनके खिलाफ फूड डिपार्टमेंट कार्रवाई करेगा।

-गुलाब लाकड़ा, फूड इंस्पेक्टर, जमशेदपुर