- एमबीबीएस के लिए एक करोड़ से अधिक मांग रहे प्राइवेट कॉलेज

- शासन द्वारा तय फीस से कई गुना अधिक की वसूली

- परेशान अभ्यर्थियों ने डीजीएमई से दर्ज कराई शिकायत

LUCKNOW:

राज्य सरकार के अधिकारियों की शह से प्राइवेट मेडिकल कॉलेज खुलेआम 'लूट' करने में जुटे हुए हैं। कॉलेज एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए शासन द्वारा निर्धारित फीस से कई गुना ज्यादा वसूल रहे हैं। मंडे को जब अभ्यर्थी काउंसलिंग के बाद कॉलेज एडमिशन लेने पहुंचे तो फीस देख पैरेंट्स के पैरों तले जमीन खिसक गई। जिसके बाद अभ्यर्थियों ने अपने पैरेंट्स के साथ मिलकर डीजीएमई ऑफिस में जमकर हंगामा किया और लिखित शिकायत दर्ज कराई।

कर दिया खेल

दरअसल शासन के अधिकारियों ने गवर्नमेंट ऑर्डर (जीओ) निकाल कर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस तो तय कर दी। लेकिन, साथ ही कुछ अन्य मदों में वसूली का ऑप्शन भी दे दिया। जीओ में साफ कहा गया है कि निर्धारित शुल्क में छात्रावास शुल्क, जमानत की धनराशि को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के शुल्क सम्मिलित हैं। यानी हॉस्टल फीस, सिक्योरिटी मनी जैसे मदों पर वे जमकर लूट सकते हैं। इसका फायदा उठाते हुए कॉलेजों ने हॉस्टल कंपलसरी कर दिया है। सिक्योरिटी भी अलग अलग कॉलेज 5 लाख से 40 लाख रुपए तक जमा करा रहे हैं।

1 करोड़ रुपए की फीस

गोरखपुर से आई पुष्पांजलि यादव ने बताया कि उन्हें संडे को मेयो मेडिकल कॉलेज अलॉट किया गया था। जहां पर सरकार की ओर से सलाना फीस 10 लाख है। लेकिन, सोमवार को कॉलेज पहुंचे तो कॉलेज ने फीस बढ़ाकर एक करोड़ से अधिक कर दी। अभी एमबीबीएस कोर्स अधिकतम 50 लाख में पूरा होता लेकिन, अचानक कॉलेज की वेबसाइट पर डाले गए फीस स्ट्रक्चर से पांच साल का कोर्स एक करोड़ 20 लाख से अधिक फीस पहुंच गई।

दोगुनी से अधिक कर दी फीस

गाजियाबाद से अपनी बेटी शमीला बानो का एडमिशन कराने आई उनकी मदर आशिफा बानो ने आरोप लगाया कि हिंद मेडिकल कॉलेज की फीस कल तक फीस प्रतिवर्ष 10.67 लाख रुपए प्रति वर्ष थी। लेकिन, रात के बाद सोमवार को फीस बढ़ाकर प्रति वर्ष 20.37 लाख रुपए कर दी गई। यानी पूरे कोर्स के दौरान 76.51 लाख रुपए देने पड़ेंगे। इसमें 2 लाख रुपए प्रति वर्ष का हॉस्टल और एक लाख रुपए मेस की फीस देना भी अनिवार्य है। इसके अलावा चार लाख सिक्योरिटी मनी भी है। इस प्रकार से हर स्टूडेंट को एक कराेड़ केआस पास फीस देनी होगी।

हिंद मेडिकल कॉलेज में गोलमाल

दीपाली पटेल को हिंद मेडिकल कॉलेज अलॉट किया गया था। सोमवार सुबह जब वह अपने पैरेंट्स के साथ एडमिशन लेने पहुंची तो पता चला कि 20.80 लाख रुपए प्रति वर्ष फीस देनी होगी। जबकि संडे तक यहां भी वेबसाइट पर फीस सिर्फ 11.30 लाख रुपए थी। साथ ही कॉलेज ने कहा है कि उसने राज्य सरकार से फीस बढ़ाने की मांग की है, अनुमति मिलने पर बढ़ी हुई फीस देनी होगी। ऐसे ही कीर्ति मोहन से इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉलेज गाजियाबाद से भी 21 लाख मांगे गए। जिसकी शिकायत उन्होंने डीजीएमई से की है।

मॉपअप राउंड में एडमिशन की मांग

दर्जन भर से अधिक अभ्यर्थियों ने मंडे को डीजीएमई डॉ। केके गुप्ता से लिखित शिकायत में मॉपअप राउंड में भाग लेकर दूसरे कॉलेज अलॉट करने और सरकारी फीस पर ही एडमिशन की मांग की है।

इन्होंने भी की शिकायत

स्टूडेंट--कॉलेज--शिकायत

1. प्रीती सिंह-सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ--अधिक फीस लेने की शिकायत

2. देव राय--जीएस मेडिकल हापुड़--8.50 लाख की जगह 11 लाख की मांग

3. सुनील कुमार ढांडा--सुभारती मेडिकल कॉलेज--8.50 लाख की जगह 20 लाख कैश और 35 लाख बैंक गारंटी की मांग

संदीप कुमार--इंद्रप्रस्थ मेडिक्ल कॉलेज गाजियाबाद--मनमानी फीस न देने पर कॉलेज बंद चल रहा

रमेश रजक--मेयो मेडिकल कालॅेज बाराबंकी--10.67 लाख की जगह 27 लाख की मांग

प्रकाश तिवारी--सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ--8.50 लाख की जगह 11 लाख की मांग

पल्लवी हरलालका--सभारती मेडिकल कॉेलेज मेरठ--21 लाख से अधिक फीस की मांग

एसवी अरकोटकर-तीर्थाकर महावीर कॉलेज मुरादाबाद--11.50 की जगह 20 लाख से अधिक की मांग

शासन द्वारा निर्धारित फीस

कॉलेज --प्रतिवर्ष निर्धारित फीस

1. हिंद इंस्टीट्यूट , बाराबंकी- 8.50 लाख

2. कांती देवी मेडिकल कॉलेज, मथुरा--11.47 लाख

3. मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज--10.67 लाख

4. राजश्री मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली-9.84 लाख

5. श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज बरेली, 1.44 लाख

6. रामा मेडिकल कॉलेज, कानपुर-9.90 लाख

7. रामा मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंट, हापुड़ गाजियाबाद--10.37 लाख

8. रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज, बरेली-10.81 लाख

9. सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकलसाइंसेज,हापुड़-11.05 लाख

10. सरस्वती मेडिकल कॉलेज उन्नाव, 10.55 लाख

11. टीएसएम मेडिकल कॉलेज, लखनऊ-11.04

12. वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज बंथरा शाहजहांपुर-11.10

13. हैरिटेज इंस्टीट्यूट, वाराणसी-10.31

14. मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज , मुजफ्फरनगर-10.59 लाख

15. स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर नोयडा-11.50

16. हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज, सीतापुर-9.88 लाख

17. सुभारती मेडिकल कॉलेज, मेरठ-8.50 लाख

18. मेजर एसडी सिंह मेडिकल कॉलेज, फर्रुखाबाद-8.50 लाख

19. वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, अमरोहा-8.50 लाख

20. जीसीआरजी मेडिकल कॉलेज, लखनऊ-8.50 लाख

21. प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ- 8.50 लाख

22. कृष्ण मोहन मेडिकल कॉलेज, मथुरा-8.50 लाख

23. जीएस मेडिकल कॉलेज पिलखुआ, हापुड़-8.50 लाख

सेकेंड काउंसलिंग के सोमवार तक एडमिशन लेना था। लेकिन शिकायतें मिली हैं कि फीस के अतिरिक्त अभ्यर्थियों से वसूली की जा रही है। लिखित शिकायत मिलने पर एमसीआई से इन कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की संस्तुति की जाएगी।

- डॉ। केके गुप्ता, डीजीएमई

इंद्रप्रस्थ कॉलेज में निर्धारित फीस से दोगुनी फीस मांगी जा रही है। सरकार को कुछ इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

- कीर्ति मोहन

हिंद मेडिकल कॉलेज में अचानक 20.80 लाख मांगे जा रहे है। एक दिन में इतनी फीस दे पाना संभव नहीं।

- दीपाली पटेल

कॉलेज मनमानी फीस वसूली जा रही है। इतनी अधिक दे पाना आम लोगों के लिए संभव नहीं है।

- पुष्पांजलि यादव

एडमिशन के नाम पर बेवकूफ बनाया जा रहा है। एक दिन में ही फीस दोगुनी से अधिक कर दी जा रही हे।

- आर्यन रावत