- इलाहाबाद आ रही ट्रेन के तीन स्लीपर कोच में लुधियाना-पानीपत के बीच में पड़ी डकैती

- हथियारों से लैस एक दर्जन से अधिक डकैतों ने कानपुर के एक परिवार समेत दो दर्जन से अधिक यात्रियों को लूटा

- पीडि़त यात्रियों ने दिल्ली में दर्ज कराया मुकदमा, ट्रेन कानपुर पहुंचने पर लुटे यात्रियों ने सुनाई आपबीती

KANPUR। जम्मू-उधमपुर से इलाहाबाद आ रही उधमपुर एक्सप्रेस ट्रेन में वेडनसडे देर रात लुधियाना से पानीपत के बीच में धारदार हथियारों से लैस एक दर्जन से अधिक डकैतों ने स्लीपर के तीन कोचों में अमरनाथ व माता वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे कानपुर के एक परिवार समेत कई यात्रियों को लूट लिया। पीडि़त यात्रियों ने ट्रेन के दिल्ली स्टेशन पहुंचने पर जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज कराया। कानपुर के परिवार ने सुनाई आपबीती

जिस ट्रेन में डकैती पड़ी, उसमें कानपुर बर्रा-ख् निवासी आशीष आहूजा, पत्‍‌नी निधि व सात साल के बच्चे के साथ स्लीपर कोच एस-फ् की बर्थ ब् व भ् पर थे। निधि ने बताया कि लुधियाना से कुछ दूर ट्रेन चलने के बाद अज्ञात लोग कोच में घुसे और उनके कान के झुमके में हाथ लगाया। इस पर वह जाग गई और शोर मचाने लगी। डकैतों ने अपने हाथों से उनका मुंह दाब दिया और धारदार हथियार दिखा हैंडपर्स लूट लिया। पर्स में पांच हजार रुपए, दो मोबाइल व अन्य कागजात थे। इसके बाद डकैतों ने लगभग दो घंटे तक स्लीपर कोच एस-फ्, एस-ब् व एस-भ् में दो दर्जन से अधिक यात्रियों संग लूटपाट की। कुछ यात्रियों ने मोबाइल से कंट्रोल रूम को भी सूचना दी लेकिन कोई हेल्प नहीं मिली। घटना से भयभीत लगभग एक दर्जन से अधिक यात्रियों ने बीच सफर की अपनी जर्नी बे्रक कर दी। वह सब दिल्ली में ही उतर गए थे।

इन यात्रियों संग हुई लूटपाट

पहला परिवार

आशीष आहूजा पत्‍‌नी निधि अहूजा निवासी कानपुर बर्रा-ख्, भ् हजार रुपए दो मोबाइल

दूसरा परिवार

सुभाष चंद्र व पत्‍‌नी सुनीता, बेटी अंकिता, आकांक्षा निवासी गोविंदपुर इलाहाबाद, तीन हजार रुपए तीन मोबाइल

तीसरा परिवार

अजयकुमार पत्‍‌नी नंदा देवी, बेटा विशाल, अतुल बेटी अलीशा निवासी इलाहाबाद, तीन हजार रुपये

चौथा परिवार

मनीष श्रीवास्तव पत्‍‌नी डॉ। स्वाती श्रीवास्तव निवासी इलाहाबाद, पांच हजार रुपये एक मोबाइल, एटीएम कार्ड

पांचवां परिवार

हिमांशु, अरविंद, सचिन निवासी लखनऊ, दो हजार रुपए

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' यह डकैती की घटना दूसरे जोन की है, फिर भी अपराधियों का सुराग लगाया जाएगा। सभी ट्रेनों में आरपीएफ-जीआरपी मिल कर सुरक्षा कर रही है। अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.'

एसके सिंह, आईजी, आरपीएफ (एनसीआर)