- एक माह में1500 करोड़ का राजस्व मिलता था पिछले सालों तक

- अप्रैल के महीने राजस्व घट कर रह गया करीब 730 करोड़

- दून में 75 में से 41 शराब की दुकानें ही खुल पाईं अभी तक

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75 अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानें थीं दून में

41 दुकानों का ही हो पा रहा है संचालन

526 दुकानें थीं पूरे प्रदेश में अंग्रेजी व देशी शराब की

323 दुकानें ही कर पा रही हैं फिलहाल कारोबार

200 बार बंद हो चुकी हैं प्रदेशभर में

DEHRADUN: नेशनल और स्टेट हाईवेज के किनारे शराब की दुकानों के संचालन पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर राज्य सरकार की कमाई पर दिखने लगा है। मोटे तौर पर आबकारी से सरकार को होने वाली आमदनी करीब-करीब आधी हो गई है। अप्रैल के महीने में सरकार को आबकारी मद में 7फ्0 करोड़ का राजस्व मिला जबकि पहले यह क्भ्00 करोड़ रुपए प्रतिमाह था। दून की ही बात करें तो पहले यहां शराब की 7भ् दुकानें थीं, जिनमें से अभी तक केवल ब्क् दुकानें ही खुल पाई हैं। जाहिर है इससे राजस्व में भी कमी आएगी।

दून में खुल पाईं सिर्फ ब्क् दुकानें

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल हाईवेज और स्टेट हाईवेज से शराब की दुकानें दूसरी जगहों पर शिफ्ट की जानी थीं, लेकिन जनता के विरोध के बाद कई दुकानें शिफ्ट नहीं की जा सकीं। पिछले वित्तीय सत्र में नेशनल और स्टेट हाईवे सहित दून में ब्ब् देशी शराब की दुकानें और फ्क् अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित की जाती थीं। इनमें से ख्9 देशी और ख्0 अंग्रेजी शराब की दुकानें स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे पर थीं। वर्तमान समय की बात करें तो दून में ख्ब् देशी शराब और क्7 अंग्रेजी शराब की दुकानें ही संचालित हो पा रही हैं बाकी दुकानों का संचालन ठप है। जन विरोध के चलते कई दुकानें बंद हैं।

सूबे में ख्0फ् दुकानें बंद

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजस्व में हो रहे घाटे को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी स्टेट हाईवे को जिला मार्ग घोषित कर दिया था। लेकिन, इसके बावजूद प्रदेश की भ्ख्म् दुकानों में से फ्ख्फ् दुकानें ही खुल पाईं। काफी दुकानें अभी भी बंद हैं जिसका सीधा असर सरकार की कमाई पर पड़ रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में एक माह में आबकारी विभाग को शराब की दुकानों से लगभग क्भ्00 करोड़ का राजस्व मिलता था लेकिन इस माह में आबकारी विभाग को अब तक महज 7फ्0 करोड़ रुपए ही राजस्व मिल पाया है।

ख्00 बार हुई प्रदेश में बंद

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सबसे ज्यादा असर प्रदेश में शराब की बार से कमाई करने वालों पर हुआ है। अधिकांश बार नेशनल और स्टेट हाईवेज पर ही मौजूद थीं। स्टेट हाईवे के जिला मार्ग घोषित होने के बावजूद भी कई बार नहीं खुल पाए। पहले प्रदेश में ख्7क् बार थे। लेकिन, ख्00 बार कोर्ट के आदेश के बाद बंद हो गए। अब सिर्फ 7क् बार ही संचालित हो रहे हैं।

प्रदेश में पहले भ्ख्म् शराब की दुकानें थीं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई दुकानें बंद हो गईं। अब तक प्रदेश में केवल फ्ख्फ् शराब की दुकानें ही खुल पाई हैं। बाकी दुकानों को खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में एक माह में क्भ्00 करोड़ का राजस्व शराब की दुकानों से आ जाता था, इस महीने यह घट कर 7फ्0 करोड़ रह गया है।

- युगल किशोर पंत, आबकारी आयुक्त।