RANCHI: पहले प्यार, फिर शादी का झांसा देकर रघु ने सरिता (बदला नाम) के साथ रिलेशन बनाए। इस बीच जब वह प्रेग्नेंट हो गई तो रघु ने कोई भी रिश्ता होने से साफ इन्कार कर दिया। वहीं, सरिता जब अपने मां-बाप के पास पहुंची तो उनलोगों ने भी घर से निकाल दिया। इधर, क्ख् मई को उसने एक बेटी को जन्म दिया। अब वह सात दिन की बेटी को लिए यहां-वहां भटक रही है। इसकी जानकारी जब लोगों को मिली तो सोशल एक्टिविस्ट डॉ। प्रणव कुमार बब्बू, राजीव अंबष्ठ, जयराम सिंह, अनु पोद्दार, नेहा पटवारी, पिंकी अग्रवाल और ज्योति शर्मा की मदद से उसे न्याय दिलाने के लिए महिला थाना पहुंचाया है, जहां मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। इससे पहले भी सरिता ने बरियातू थाना में मामला दर्ज कराया था।

पार्किंग में गर्भवती ने काटे क्भ् दिन

बच्ची के जन्म से क्भ् दिनों पहले से सरिता ने जयराम सिंह के पार्किग शेड में डेरा डाल दिया था। जहां उसकी खराब स्थिति को देखते हुए रिम्स में एडमिट कराया गया। वहां उसने बेटी को जन्म दिया और अगले ही दिन उसे रिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद सरिता अपनी बच्ची को लेकर वापस जयराम सिंह की पार्किग में पहुंच गई। बच्ची को लेकर जैसे-तैसे वह रह रही थी तो इस बारे में जयराम सिंह और उनके मित्र राजीव अंबष्ठ ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने सरिता को उसके घर पहुंचा दिया। पुलिस को देख घरवालों ने रातभर बेटी और उसकी बच्ची को रखा, लेकिन सुबह होते ही घर से भगा दिया। इसके बाद वह फिर जयराम सिंह के पार्किग में पहुंच गई।

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एक साल पहले रघु से हुई थी मुलाकात

क्8 साल की सरिता की मुलाकात एक साल पहले रघु नाम के युवक से मोरहाबादी में हुई। वह टैगोर हिल में ही दुकान लगाता तो अक्सर उसकी मुलाकात हो जाती थी। मुलाकात प्यार में बदल गई। फिर शादी का झांसा देकर उसने संबंध भी बना लिया। इस बीच सरिता प्रेग्नेंट हो गई। जब उसने इसके बारे में रघु को बताया तो उसने दूरी बनानी शुरू कर दी। वहीं शादी करने से भी इंकार कर दिया। जब वह अपना हक मांगने रघु के घर सिलवार टोली पहुंची तो वहां रघु ने सरिता के पेट में अपना बच्चा होने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं, आसपास की कुछ महिलाओं ने भी सोनी को पीटकर वहां से भगा दिया।