- लूज पैकिंग बेकरी प्रोडक्ट में नहीं होती मैनुफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट नहीं

- एक्ट की आड़ में सेहत से खिलवाड़ करते हैं प्रोडक्ट मेकर

- लाखों का कारोबार फिर भी लूज पैकेट में बिकने वाले बेकरी प्रोडक्ट की नहीं होती है जांच

<- लूज पैकिंग बेकरी प्रोडक्ट में नहीं होती मैनुफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट नहीं

- एक्ट की आड़ में सेहत से खिलवाड़ करते हैं प्रोडक्ट मेकर

- लाखों का कारोबार फिर भी लूज पैकेट में बिकने वाले बेकरी प्रोडक्ट की नहीं होती है जांच

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: सिटी के ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत फ्रेश होने के बाद बेकरी प्रोडक्ट्स के साथ ही होती है। कोई चाय के साथ बन मक्खन या टोस्ट खाता है तो कोई चाय के साथ जीरा बिस्किट, रस्क, फेम और पापड़ी। लो क्लास, मिडिल क्लास या फिर अपर क्लास, हर फैमिली में बेकरी प्रोडक्ट का यूज होता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को ये पता नहीं है कि वो जो प्रोडक्ट यूज कर रहे हैं वो हाइजीनिक है। उस पर मैनुफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट है कि नहीं। वो तो केवल इस विश्वास के साथ लेकर चले आते हैं कि पूछने पर दुकानदार यह कहता है क्या बात कर रहे हैं भाई साहब ब्रेड, बन, बिस्किट सब ताजा है। अभी आज सुबह ही तो आया है। बस इसी विश्वास पर होता है खेल

धड़ल्ले से बिक रहा था फंगस लगा बन

आईनेक्स्ट रिपोर्टर बुधवार की सुबह मुट्ठीगंज एरिया में रामभवन चौराहा के पास स्थित एक फेमस चाय की दुकान पर पहुंचा। जहां पर डे सैकड़ों लोग चाय के साथ बन मक्खन खाते हैं। रिपोर्टर ने चाय वाले से एक पैकेट बन मांगा। जो सफेद रंग की ब्लैंक पॉलीथिन में पैक था। जिस पर न तो किसी कंपनी का नाम था और न ही मैनुफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट। पैकेट खोलने के बाद रिपोर्टर ने पाया कि बन स्मेल कर रहा था। यही नहीं उस पर हल्का-हल्का फंगस भी लगा था। रिपोर्टर ने चाय वाले से कहा, ये बन तो स्मेल कर रहा है। पुराना है क्या? तो उसने कहा, नहीं आज सबेरे-सबेरे तो आया है। ऐसे कैसे पुराना हो जाएगा। अगर तुम्हे गड़बड़ लग रहा है तो लाओ बदल देता हूं। जिस पर रिपोर्टर ने कहा केवल चाय ही पिलाओ।

रिपोर्टर ने तो मना कर दिया। लेकिन पता नहीं कितने लोग बिना चेक किए ही बन को मक्खन के साथ खा गए होंगे और उन्हें पता भी नहीं चला होगा कि बन ताजा है या फिर बासी।

ख्0 लाख से ज्यादा का है बेकरी बिजनेस

सिटी में बेकरी प्रोडक्ट्स का डेली बिजनेस ख्0 लाख रुपये से ज्यादा का है। जिसमें सबसे ज्यादा बिजनेस बन और ब्रेड का है। इसके अलावा टोस्ट, खारी, बिस्कुट, फेन, जीरा पापड़ी, स्वीट पेटीज, केक प्रोडक्ट्स की भी सेलिंग जबर्दस्त है।

एक्ट का उठाते हैं फायदा

फूड सेफ्टी एक्ट के तहत पैक्ड आइटम पर मैनुफेक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखना जरूरी है। लेकिन लूज पैकिंग वाले सभी प्रोडक्ट्स इस फारमेलिटी से बचे हुए हैं। बस यहीं पर फायदा उठाते हुए बड़े पैमाने पर सिटी में चल रही बेकरी के ओनर्स अपने प्रोडक्ट्स को सील पैक करने के बजाय प्लास्टिक की पैकिंग गांठ लगाकर या फिर लोकल पैकिंग कर बेच देते हैं।

90 फीसदी लूज पैकिंग

सिटी में हर दिन जितने भी बेकरी प्रोडक्ट्स की खपत हो रही है। उनमें से 90 परसेंट प्रोडक्ट्स लूज पैकिंग में बेचे जा रहे हैं। जिनकी क्वालिटी को चेक करने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन के पास भी कोई इंतजाम नहीं है। महज क्0 परसेंट ही बेकरी प्रोडक्ट्स क्वालिटी को मेंटेन करते हैं।

इन एरियाज में हैं बेकरी फैक्ट्रियां-

साउथ मलाका, मीरापुर, करैली, अटाला, गढ़ी सराय, कोतवाली रोड

कुछ मेन बेकरी प्रोडक्ट्स

-बन

-डेली लगभग भ् लाख रुपए का बिजनेस

-चार तरह की पैकिंग में मिलते हैं।

-एक किलोग्राम, 8भ्0 ग्राम, 7भ्0 ग्राम और भ्भ्0 ग्राम की पैकिंग होती है।

जीरा

-डेली लगभग क् लाख रुपए का बिजनेस

-दो तरह की पैकिंग में मिलते हैं।

-छोटा और बड़ा पैकेट

टोस्ट

-डेली लगभग फ् लाख रुपए का बिजनेस

-दो तरह की पैकिंग में मिलते हैं।

-गोल आकार के छोटे और बड़े पैकेट्स

-स्क्वायर शेप के टोस्ट

बरतें सावधानी

-लूज पैकिंग के बेकरी आइटम न खरीदें

-सर्टिफाइड बेकरी से ही बेकरी प्रोडक्ट्स खरीदें

-बेकरी प्रोडक्ट्स खरीदने से पहले उसकी फ्रेशनेस जरूर चेक करें

-ओपन पैकिंग का प्रोडक्ट है तो आप जरूर चेक करें कि उसमें कोई फंगस तो नहीं लगा हुआ है। थोड़ी सी भी शंका होने पर न खरीदें।

- बेकरी प्रोडक्ट्स खास कर ब्रेड और बन खरीदने में सावधानी बरतना ही एक मात्र उपाय है। क्योंकि दुकानदार तो कहते हैं कि ताजा है, लेकिन पैकेट खोलने पर ब्रेड और बन में फंगस लगा होता है। जिसका पता न चलने पर शरीर में जाने के बाद इंफेक्शन पैदा करता है। डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। मुंह में छाले पड़ जाते हैं। ज्यादातर केस में तो लोगों को पता भी नहीं चल पाता है कि बेकरी प्रोडक्ट की वजह से उनकी हालत बिगड़ी होगी।

डा। ओपी त्रिपाठी

फिजिशियन