- शमसाबाद के गांव खेड़ा नवादा में दबिश देने गई थी पुलिस, सुबह तालाब में मिला शव

- ग्रामीणों ने लगाया जाम, वाहनों में तोड़फोड़, पुलिस ने रबर बुलेट और आंसू गैस गोले दागे

आगरा। एक बार फिर खाकी दागदार हुई। शमसाबाद में शनिवार रात दबिश देने गई पुलिस पर युवक की हत्या का आरोप लगा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने घर से उठाकर युवक को मारपीट कर तालाब में फेक दिया। महिलाओं से भी अभद्रता की। सुबह तालाब से शव निकालते ही परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। सड़क पर जाम लगा पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिसकर्मियों से हाथापाई और पथराव किया। हालात को नियंत्रण करने में पुलिस को रबर बुलेट व आंसू गैस के गोले दागने पड़े। ग्रामीणों का गुस्सा देख एसएसपी ने मौके पर ही एसओ को सस्पेंड कर दिया। क्षेत्र में तनाव देखते हुए फोर्स संग अधिकारियों ने फ्लैग मार्च निकाला।

वांछित की तलाश में गई थी पुलिस

गांव खेड़ा नवादा शमसाबाद निवासी भूरी सिंह (36 वर्षीय) पुत्र कालीचरण खेती व मजदूरी करता था। पत्नी ललिता, दो बेटी व दो बेटों के साथ रहता था। उसके साथ भतीजा रवि व उसका परिवार भी रहता है। भूरी का एक रिश्तेदार लूट में वांछित चल रहा है। पुलिस को रिश्तेदार के भूरी के घर पर होने की सूचना मिली। भूरी सिंह के बहनोई ठाकुर महिपाल सिंह ने बताया कि रात में एक से डेढ़ बजे के बीच इरादत नगर एसओ विनोद कुमार यादव 10-12 पुलिसकर्मियों के साथ आए। थाना शमसाबाद की पुलिस टीम भी शामिल थी। आते ही उन्होंने दरवाजा खटखटाया। रवि ने दरवाजा खोला, तो पुलिस ने उसे पूछताछ के नाम पर उठा लिया। भूरी सिंह को भी पकड़ लिया। पुलिस दो गाडि़यों से आई थी।

महिलाओं को जीप से फेंक गए

रवि की मां हीरा देवी व पत्नी दुर्गेश ने विरोध किया। आरोप है कि पुलिस ने उससे गाली-गलौज व मारपीट की। घर से कुछ दूरी पर तालाब बना हुआ है। आरोप है कि वहां पर भूरी के सिर में पुलिसकर्मियों ने रायफल की बट मार दी। इससे वह तालाब में गिर गया। पुलिस ने उसे निकालना मुनासिब नहीं समझा। उसे तालाब में छोड़ पुलिस चली गई। आरोप है कि पुलिस ने 200 मीटर की दूरी पर गाड़ी से रवि की मां व पत्नी को धक्का दे दिया। वह सड़क पर गिर कर चोटिल हो गई।

मृतक के भतीजे ने दी जानकारी

परिजनों को लगा कि पुलिस भूरी व रवि को अलग-अलग गाडि़यों से ले गई है। रात में तीन बजे पुलिस ने रवि से घर पर फोन करवाया कि उसे ले जाएं। इस पर उसके पिता सुजान सिंह, चाचा सीताराम व देवेंद्र उसे लेने गए। वह थाने से उसे ले आए। घर पर रवि से परिजनों ने भूरी के बारे में पूछा। रवि ने बताया कि पुलिस ने चाचा भूरी को तालाब में फेंक दिया। इसकी जानकारी होने पर ग्रामीणों ने शमसाबाद के गढ़ी जहान सिंह पर सुबह करीब साढ़े सात बजे जाम लगा दिया। एसडीएम फतेहाबाद, एसपी ग्रामीण डॉ। अखिलेश नरायण कई थानों के फोर्स के साथ पहुंच गए। गोताखोरों ने शव की तलाश शुरू की। तीन घंटे जाम लगा रहा।

वाहनों में तोड़फोड़, पुलिस से हाथापाई

सुबह साढ़े 10 बजे भूरी का शव निकला गया। तभी गोली लगने से मौत की अफवाह उड़ गई। मौके पर जुटे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। पुलिस के वाहनों पर हमला कर दिया। पत्थर फिंकाई शुरू हो गई। पथराव में एसपी देहात की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। दर्जनभर वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। पब्लिक ने पुलिस से हाथापाई कर दी। कांस्टेबल प्रवीन कुमार, संतोष पाठक सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी व आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गए। स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस ने मोर्चा खोल दिया। उपद्रवियों पर रबर बुलेट व आंसू गैस के गोले दागे। उपद्रवी तितर-बितर हो गए। एसएसपी डॉ। प्रीतिंदर सिंह मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों के संगीन आरोपों पर एसएसपी ने तुरंत एसओ को निलम्बित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम भेजा गया।