- टीचर्स डे के उपलक्ष्य पर एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों से की बातचीत

LUCKNOW: टीचर्स डे के उपलक्ष्य पर एक दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों से मन की बात की। प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बच्चों में काफी उत्साह नजर आ रहा था। मोदी सर की क्लास में बच्चों को हंसी और ठिठोली करने का मौका तो मिला ही, साथ ही जब बारी आई नसीहत की तो बच्चों के लिए यह किसी आदेश की तरह था। बिजली बचाने से लेकर ठीक से पढ़ाई करने और खेल-कूदने तक की बातों को बच्चों ने पूरी गंभीरता से सुना।

सभी स्कूलों में की गई व्यवस्था

राजधानी के स्कूलों में शुक्रवार को पीएम मोदी के लाइव कार्यक्रम का प्रसारण की व्यवस्था की गई। 2000 से ज्यादा गवर्नमेंट, सेल्फ फाइनेंस स्कूलों के अलावा मदरसों तक में बच्चों को इसका हिस्सा बनने का मौका मिला। रानी लक्ष्मीबाई सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों के लिए हॉल में स्क्रीन लगाकर एक साथ बैठकर कार्यक्रम देखने की व्यवस्था की गई। जवाहर नवोदय स्कूल, केन्द्रीय विद्यालयों के साथ सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में भी बच्चों को प्रधानमंत्री को सुनने का मौका मिल सका।

गवर्नमेंट स्कूलों में सुना रोडियो पर भाषण

प्राइमरी और अन्य गवर्नमेंट स्कूलों में जहां टीवी की व्यवस्था नहीं हो सकी, वहां बच्चों ने रेडियो पर प्रधानमंत्री का संबोधन सुना। सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के समेत अन्य लोग स्क्रीन पर आए तो तालियों के साथ बच्चों ने उनका स्वागत किया। 11.45 बजे तक चली इस क्लास में बच्चों को हंसी के हंसगुल्लों से साथ सफलता पाने और आगे बढ़ने की फंडे सीखे।

रानी लक्ष्मीबाई सीनियर सेकेंडरी स्कूल

प्रधानमंत्री के भाषण को सुनने के लिए रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल सीनियर सेकेन्डरी स्कूल में बच्चों में काफी उत्साह दिखा। पीएम मोदी के भाषण को सुनने के बाद जब बच्चों ने प्रधानमंत्री से सवाल पूछना शुरु किया तब बच्चों ने खूब तालियां बजाई। बच्चों को मोदी का मजाकियां अंदाज भी खूब भाया।

अवध कॉलिजिएट

स्कूल की दरोगाखेड़ा शाखा और आलमबाग शाखा दोनों में ही प्रोजेक्टर लगाकर बच्चों को संवाद दिखाने की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम शुरू होने से पहले भले ही ऑडियोरियम में बच्चों की आवाज सुनाई दे रही थी लेकिन पीएम का संबोधन शुरू होने के साथ ही सब शांत हो गए। माहौल काफी हल्का फुलका नजर आया।

सेल्फ मोटिवेशन से चुने करियर

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के बच्चों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, जीवन में माता-पिता या अन्य किसी के दवाब से नहीं, बल्कि सेल्फ मोटिवेशन से करियर चुनना चाहिए। इस दौरान सवाल पूछने वाली जवाहर नवोदय विद्यालय सेनापति.2 मणिपुर की छात्रा शैली किंगपिन ने बताया कि वह राजनेता या पत्रकार बनना चाहती हैए लेकिन उसके घरवाले उसे इंजीनियर बनाना चाहते हैं। केंद्रीय विद्यालय जनकपुरी दिल्ली की हाइस्कूल की एक छात्रा ने भी यही समस्या रखी। इसपर मोदी ने कहा कि चाहे जितना संघर्ष करना पड़ेए बनना वही जो तुम्हारा दिल चाहे। तभी अपने काम से तुम्हारी पहचान बनेगी।

एक साथ मनाओ कृष्ण और राधाकृष्ण का बर्थडे

पीएम मोदी ने कहा कि यह एक अनूठा संयोग है कि इस बार भगवान कृष्ण और राधाकृष्ण दोनों का ही जन्मदिन एक साथ पड़ रहा है। इसलिए इसे खुलकर मनाना चाहिए। इस अवसर पर पीएम ने देश के पुर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण को श्रद्धांजलि देते हुए उनके नाम से 125 और 10 रुपये के दो सिक्कों का अनावरण किया। साथ ही उन्होंने हर साल कला और संस्कृति को प्रमोट करने के उद्देश्य से कला उत्सव मनाने की घोषणा की।

पिछले साल टीचर्स डे पर मोदी ने की थी मन की बात

इससे पहले बीते साल 2014 के शिक्षक दिवस के मौके पर भी पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। पिछले साल पीएम ने बच्चों को सात मंत्र भी दिए थे। यह प्रमुख सात मंत्र इस प्रकार हैं।

1. साफ रहें, अपना घर और स्कूल भी साफ रखें।

2. कुछ भी पढ़े, लेकिन पढ़ें। भले ही अखबार क्यों न हो, जिसमें आप पकौड़े खरीदते हों। यदि पढ़ सकते हैं तो बड़े लोगों की जीवनी पढ़ें। दुनिया को समझने और इतिहास को करीब से महसूस करने का यही एकमात्र तरीका है।

3. खूब खेलो। अपना पूरा समय सिर्फ किताबों, कंप्यूटर और टीवी तक सीमित न रखें। गूगल गुरु को भूल जाएं नहीं तो आपके पास सिर्फ सूचना होगीए ज्ञान नहीं।

4. देश के लिए कुछ करें, भले ही वह छोटा सा योगदान क्यों न हो। यह बिजली बचाना हो सकता है, पानी बर्बाद होने से रोकना या खूब पढ़ाई करना भी हो सकता है।

5 कुछ करने का आनंद होना चाहिए। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं और क्या करते हैं, लेकिन जो करें उसका खूब आनंद उठाएं।

6 स्कलि डेवलपमेंट पर जोर देते हुए मोदी ने कहा था कि कोई न कोई हुनर जरूर विकसित करें।

7 अपने अंदर के बालक को जीवित रखें।