- शहर में तीन साल से नहीं हुआ किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन
- संदिग्धों की शिकायत पर भी गंभीरता नहीं दिखाती लोकल पुलिस
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GORAKHPUR: शहर में किराए पर रहे लोगों की पहचान जानने की फुर्सत पुलिस को नहीं है। हाल ये है कि तीन साल से यहां किराएदारों का वेरिफिकेशन नहीं हुआ है। रविवार को पुलिस पेंशनर्स की बैठक में भी ये मामला उठा था। रिटायर्ड पुलिस कर्मचारियों ने एसएसपी से कहा कि संदिग्धों के बारे में थानों और चौकियों का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। शिकायत करने पर एसओ और चौकी प्रभारी उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते। हकीकत परखने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम शहर के विभिन्न मोहल्लों में पहुंचीं। इसमें सामने आया कि पुलिस कभी वेरिफिकेशन करने मोहल्लों में पहुंचती ही नहीं है। पब्लिक की सुरक्षा बस भगवान भरोसे चल रही है।
समय: दोपहर 1.30 बजे
स्थान: मोहल्ला रानीडीहा
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम यहां पहुंची तो लोगों ने बताया कि कोई वारदात होने पर ही पुलिस पहुंचती है। मोहल्ला निवासी मनोज कुमार ने बताया कि यहां कई मकानों में किराएदार रहते हैं। लेकिन कोई कभी वेरिफिकेशन नहीं कराने जाता। ना ही पुलिस किसी से इस संबंध में कोई जानकारी लेती है।
समय: दोपहर 2.00 बजे
स्थान: मोहल्ला मोहद्दीपुर
मेन रोड के दोनों ओर बसी इस कॉलोनी में सैकड़ों की तादाद में किराएदार रहते हैं। लेकिन उनके बारे में पास-पड़ोस के लोगों को जानकारी नहीं होती। मोहल्ले के अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि करीब आठ साल पहले पुलिस ने मोहल्ले में एक फर्जी आईजी को अरेस्ट किया था। बाकी किराएदारों का वेरिफिकेशन तो आज तक कभी नहीं हुआ।
समय: दोपहर 2.40 बजे
स्थान: कृष्णा नगर प्राइवेट कॉलोनी
इस कॉलोनी में बदमाशों के छिपने की सूचना पर पुलिस कई बार छापेमारी कर चुकी है। दो दिन पहले शाहपुर पुलिस ने चोरी की बाइक संग एक युवक को यहां से अरेस्ट किया था। लोगों ने बताया कि यहां किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन कभी नहीं हुआ।
समय: दोपहर 03.40 बजे
स्थान: आवास विकास कॉलोनी, बेतियाहाता
कैंट एरिया का बेतियाहाता मोहल्ला काफी संवेदनशील है। आवास विकास कॉलोनी के रास्ते गुजरने वाले मंडी के व्यापारियों संग गलियों में अक्सर लूटपाट हो जाती है। यहां भी किराएदारों का जमावड़ा है। पूर्व में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें किराएदार अपराध में पकड़े जा चुके हैं।
धारा 188 का हो रहा उल्लंघन
मकान मालिकों द्वारा पुलिस को अपने यहां किराएदार रखने की जानकारी ना देने को धारा 188 का उल्लंघन माना जाता है। इसके तहत संबंधित लोगों को छह माह तक की सजा भी हो सकती है। शहर में कई मकान मालिकों को यह तक पता नहीं कि जिसे किराए पर मकान दिया है, वह कौन है, कहां से आया है और क्या काम करता है।
शहर में कुल वार्ड - 70
नगर निगम में रजिस्टर्ड मोहल्ले - 350
नगर निगम में रजिस्टर्ड कुल मकानों की तादाद - 1,29,000
शहर में थाने - 09
क्या होता फायदा
- किराएदारों के बारे में सटीक जानकारी मुहैया हों जाती।
- किराएदारों के नाम-पते के संबंध में पुलिस का रिकॉर्ड हमेशा मेंटेंन रहता।
- मकान मालिक और किराएदारों का मोबाइल नंबर आसानी से मिल जाता।
- किसी मामले में जरूरत पड़ने पर पुलिस आसानी से लोगों का पता लगा लेगी।
- गश्त के दौरान पुलिस सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराती।
कॉलिंग
इन्होंने भी कहा, नहीं होती जांच-पड़ताल
मेरे मोहल्ले में तमाम किराएदार रहते हैं। लेकिन उनका कभी वेरिफिकेशन नहीं हुआ।
- सैफुल अजीज, तुर्कमानपुर
रुस्तमपुर एरिया में किराएदारों की तादाद काफी बढ़ी है। लेकिन शायद ही किसी के किराएदार का वेरिफिकेशन होता हो।
- शाहरुख, रुस्तमपुर
शाहपुर एरिया के मोहल्ले अपराधियों की शरणगाह बन गए हैं। आए दिन ही यहां से किसी ना किसी गैंग के लोग पकड़े जा रहे हैं। वेरिफिकेशन होने पर ऐसे लोग मोहल्लों में टिक नहीं पाते।
पप्पू सिंह, शाहपुर
मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पुलिस किराएदारों का वेरिफिकेशन भी करती है। मेरी जानकारी में ऐसा कभी नहीं हुआ है।
- इमरान हुसैन, छोटे काजीपुर
वर्जन
रविवार को पुलिस पेंशनर्स की बैठक में यह बात सामने आई थी। उसके आधार पर जांच पड़ताल की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अन्य प्राथमिकताओं के साथ यह कार्य भी मेरी प्राथमिकता में शामिल है।
- सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसएसपी