- 5000 के करीब मरीज आते हैं रोज ओपीडी में

- 150 के करीब सीटी स्कैन जांच लिखी जाती है रोज

- 100 के करीब मरीजों को रोज लिखी जाती है एमआरआई

- 300 मरीजों की लिखी जाती है डिजिटल एक्सरे रोज

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- बीआरडी से मरीजों को भेज रहे हैं बाहर के जांच केंद्रों पर

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में स्थापित एमआरआई और सिटी स्कैन यूनिट की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है। एमआरआई जांच टेबल खराब होने की वजह से एक महीने से यह ठप है तो सिटी स्कैन के लिए प्लेट ही नहीं है। उधर कॉलेज में लगी डिजिटल एक्स-रे मशीन पहले ही प्लेट की वजह से ठप पड़ी है। इस कारण पेशेंट को बीआरडी में डॉक्टर देख तो रहे हैं लेकिन सारी जांच बाहर से करानी पड़ रही है।

एमआरआई:

एमआरआई यूनिट नवंबर 2016 में शुरू हुई थी। 30 अप्रैल 2017 को मशीन की टेबल खराब हो गई। एक महीने से अधिक हो गए लेकिन टेबल ठीक नहीं कराया जा सका, जिससे जांच नहीं हो पा रही है।

सिटी स्कैन:

15 मार्च 2017 से कॉलेज की सिटी स्कैन यूनिट शुरू कर दी गई लेकिन एक महीना 10 दिन भी नहीं बीता कि जांच प्लेट खत्म हो गई और जांच ठप। 10 मई को किसी तरह कॉलेज प्रशासन ने प्लेट मंगाई तो 15 मई को कार्यदायी संस्था ने हैंडओवर प्रक्रिया पूरी न होने की बात कहते हुए अड़चन लगा दी। 20 मई हैंडओवर प्रक्रिया सम्पन्न कर जांच शुरू की गई तो 31 को फिर से प्लेट खत्म हो गई।

डिजिटल एक्स-रे:

सूक्ष्म एक्स-रे के लिए दो साल पहले अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में सामान्य एक्स-रे के अलावा डिजिटल एक्स-रे मशीन लगाई गई। यह मशीन भी प्लेटों की वजह से कई बार रुकी और चली लेकिन जनवरी महीने में जब प्लेट खत्म हुई तो कॉलेज प्रशासन तीन महीने तक प्लेट का इंतजाम नहीं कर सका। 15 दिन पहले जब किसी तरह प्लेट की व्यवस्था की गई तो मशीन ने जवाब दे दिया। नतीजतन मरीजों के हिस्से यह मशीन जनवरी महीने से ही नहीं आ सकी है।

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जल्द दूर होंगी सारी समस्याएं: प्रिंसिपल

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। राजीव मिश्रा का कहना है कि एमआरआई मशीन की टेबल जरूर खराब है लेकिन यह समस्या नहीं है। सिर्फ इसे हैंडओवर नहीं किया गया है, जिसे लेकर शासन से दिशा-निर्देश मांगा गया है। सिटी स्कैन प्लेट के लिए टेंडर हो गया है, जल्द ही यह समस्या भी दूर हो जाएगी। रही बात डिजिटल एक्स-रे मशीन खराब होने की तो इसके लिए मेंटीनेंस करने वाली कंपनी को सूचित कर दिया गया है।