- स्मार्ट सिटी की लिस्ट में नहीं आया मेरठ का नाम

- पब्लिक को भुगतना पड़ा नगर निगम की नाकामी का खामियाजा

- नेताओं ने फोड़ा पिछली सरकार और अधिकारियों पर ठीकरा

मेरठ। स्मार्ट सिटी की लिस्ट में इस बार भी मेरठ का नाम नहीं आया। केंद्रीय शहरी और विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को 30 शहरों की लिस्ट जारी की, जिसमें मेरठ का नाम नहीं था। लिस्ट देखकर लोगों को धक्का लगा। वहीं दूसरी तरफ नेताओं ने इसका ठीकरा अधिकारियों व पिछली सरकार पर फोड़ दिया।

पिछली बार भी हुए थे फेल

पिछली बार भी स्मार्ट सिटी की लिस्ट में मेरठ का नाम नहीं था। इसका मुख्य कारण था नगर निगम की आय में कमी और अनेक योजनाओं का शुरू न होना। इस कमी को पूरा करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने अनेक योजनाओं के आनन-फानन में अनुबंध किए, लेकिन योजनाएं आज तक शुरू नहीं हो सकीं।

---

योजनाओं का निकला दम

जिन योजनओं के बल पर इस बार नगर निगम के अधिकारी मेरठ को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा कर रहे है, उन योजनाओं को शुरू होने से पहले ही दम निकल गया। हालात यह है कि उसमें एक भी योजनाओं अभी तक शुरू तक नहीं हुई है। जबकि डीपीआर में इन योजनाओं को शुरू होने का जिक्र किया गया था।

यह थी योजनाएं

- डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन

- कूड़े से बिजली बनाने का प्लांट

- डस्टबिन वितरण

- गंगाजल

- आय वृद्धि

-------

मेरठ तब तक स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता, जब तक अधिकारियों का काम करने का तरीका नहीं बदलेगा। अधिकारियों को विकास करने की सोच बनानी होगी।

-संजीव गुप्ता

जो नगर निगम नाले-नालियों की सफाई ठीक से नहीं कर सकता है। वह स्मार्ट सिटी क्या बनाएगा। अधिकारी यदि काम करना शुरू कर दें तो मेरठ अपने आप स्मार्ट बन जाएगा।

-कपिल

स्मार्ट सिटी विकास की सोच से बनेगा। भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा। लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। यदि यह सारी चीज हो जाएं तो मेरठ अपने आप ही स्मार्ट बन जाएगा।

-मुकेश कुमार

स्मार्ट सिटी को लेकर इस बार बहुत उम्मीद थी, लेकिन इस बार भी मेरठ का नाम स्मार्ट सिटी की सूची नहीं आया। यदि भ्रष्टाचार खत्म हो जाए और विकास का पैसा पूरा लगे तो मेरठ स्मार्ट दिखने लगेगा।

-रवि

-----

पिछली सरकार और अधिकारियों द्वारा काम न करने का खामियाजा मेरठ को भुगतना पड़ रहा है। अनेक योजनाओं को धरातल पर लाने में देरी हो गई। यही कारण है कि मेरठ स्मार्ट सिटी की दौड़ में बाहर हो गया।

-राजेंद्र अग्रवाल

सांसद, मेरठ हापुड़ लोकसभा

मेरठ केंद्र सरकार को स्मार्ट सिटी के लिए मिलने वाले पैसे से होने वाले विकास कार्यो को मेंटीनेंस करने का भरोसा दिलाने में नाकाम रहे। इसीलिए हम स्मार्ट सिटी की परीक्षा में फेल हो गए। इससे एक बात और साबित हो गई कि केंद्र सरकार बिना किसी पक्षपात को काम कर रही है।

-डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व शहर विधायक

अभी दस शहरों की लिस्ट और जारी होनी है। हमें पूरा विश्वास है कि इस बार मेरठ का नाम स्मार्ट सिटी की सूची में आ जाएगा।

-हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

इस बार मेरठ का दावा बहुत ही मजबूत था। शहर में शुरू हुई अनेक योजनाएं हमारे दावे को मजबूत कर रही थी। अभी दस शहरों के नाम और घोषित होने हैं।

-मोहनुद्दीन

नोडल अधिकारी, स्मार्ट सिटी योजना