JAMSHEDPUR (06 June) : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की ओर से देशव्यापी हड़ताल की वजह से महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचे थे, लेकिन ओपीडी में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। सैकड़ों लोग इधर से उधर भटकते रहे। हालांकि, कुछ गंभीर पेशेंटों का इलाज इमरजेंसी विभाग में किया गया। ओपीडी में रोजाना सामान्यत 700-800 पेशेंट पहुंचते हैं। ओपीडी बंद होने से इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पेशेंट्स की लंबी कतार लगी रही। खासमहल स्थित सदर हॉस्पिटल व प्राइवेट नर्सिग होम के भी ओपीडी बंद रहे। नहीं हुआ एक्स-रे

एमजीएम हॉस्पिटल के रेडियोलॉजी विभाग भी बंद रहा। इसके कारण पेशेंटों के साथ-साथ कैदी नीरज सिंह का एक्स-रे नहीं हो सका। हालांकि, पुलिस ने नीरज सिंह का एक्सरे कराने के लिए बाहर भी ले गयी लेकिन वहां भी बंद मिला। इसके कारण उसे वापस एमजीएम हॉस्पिटल के कैदी वार्ड में भर्ती कर दिया गया।

यहां खुला रहा OPD

टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) व टाटा मोटर्स का ओपीडी अन्य दिनों की तरह खुला रहा। गवर्नमेंट नर्सिग होम के ओपीडी बंद होने से यहां पर पेशेंटों की काफी भीड़ देखी गई।

ये हैं डॉक्टरों की मांगें

- आइएमए सदस्य को गवर्नमेंट कमेटी में शामिल किया जाए।

- सिंगल विंडो जवाबदेही तय हो।

- डॉक्टरों पर लगातार हो रही ¨हसा के विरुद्ध केंद्रीय कानून बने।

- क्लिनिकल स्टेबिलश्मेंट एक्ट में संशोधन।

- डॉक्टर गलती करे तो ही दर्ज हो क्रिमिनल केस।

- वन ड्रग, वन कंपनी, वन प्राइस लागू हो।

- इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी की अनुशंसा को लागू किया जाए।

क्या कहते हैं मरीज

डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे तो मरीज का इलाज कौन करेगा? दोस्त को दिखाने के लिए आए थे। लेकिन यहां पर आने से पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। अब दोबारा फिर से आना पड़ेगा।

-मनोज कुमार, रांगामाटी

मेरे रिश्तेदार को लू की समस्या से परेशान है। ओपीडी में एक भी डॉक्टर नहीं है। अब किससे दिखाएं। इमरजेंसी विभाग में गए तो वहां भी इलाज नहीं हुआ।

-अजीत कुमार

चांडिल से डॉक्टर से पहले दिखाया था। आज ए-क्सरे रिपोर्ट लेकर बुलाया था। लेकिन यहां आने पर पता चला कि वह हड़ताल पर है, दूसरे दिन मिलेंगे। दूरी इतनी अधिक है कि दोबारा आने के लिए सोचना पड़ेगा।

-अर्जुन मांझी