मील का 'पत्थर'

एक्सक्लूसिव

- 200 स्कूलों में किया जा रहा था मिड डे मील का वितरण

- 6 एनजीओ कर रहे थे स्कूलों में मिड-डे मील का वितरण

- 4 एनजीओ को खराब खाना देने के मामले पर किया ब्लैक लिस्टेड

मेरठ। प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को खराब मिड-डे मील देने के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने चार एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग के 200 स्कूलों में छह एनजीओ मिड-डे-मील का वितरण करते थे।

नए एनजीओ की तलाश

चार एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड करने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने नए एनजीओ की तलाश शुरू कर दी है। जब तक नए एनजीओ की तलाश पूरी नहीं हो जाती है। तब तक दो एनजीओ को उन स्कूलों मे मिड डे मील वितरण के लिए कहा गया है।

ये होता है वितरण

बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में दोपहर में बच्चों को हर सोमवार को फल का वितरण किया जाता है। जबकि हर बुधवार को बच्चों को दूध दिया जाता है। इसके अलावा अन्य दिनों में अलग-अलग मैन्यू के हिसाब से बच्चों को मिड डे मील का वितरण किया जाता है।

नए आदेश नहीं पहुंचे

बेसिक शिक्षा अधिकारी की माने बच्चों की मां द्वारा मिड डे मील चखने का आदेश फिलहाल सरकार से नहीं आया है। लिहाजा अभी पुरानी व्यवस्था के मुताबिक ही मिड डे मील का वितरण किया जा रहा है।

वर्जन

चार एनजीओ द्वारा खराब मिड डे मील वितरण की शिकायत मिल रही थी। जांच में मामले को सही पाया गया। इसीलिए उन चार एनजीओ को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। उनके स्थान पर जो दो एनजीओ है वह वितरण करेंगे। चार नए एनजीओ की तलाश होने के बाद वह वितरण करेंगे।

मोहम्मद इकबाल, बेसिक शिक्षा अधिकारी