- हर्बल गार्डन से पर्यावरण में भी रहेगी शुद्धता

- मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होंगे प्लांट्स

मेरठ। मरीजों पर दवाओं के साथ-साथ नेचर की निकटता भी प्रभाव डालती है। हरे भरे पेड़ एक ओर जहां वातावरण को शुद्ध करते हैं तो वहीं दूसरी ओर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। शहर के जिला महिला अस्पताल में हर्बल गार्डन की पहल जहां मरीजों को नेचुरल इलाज से जोड़ेगी, साथ ही अस्पताल में उन्हें एक नए तरीके का भी अनुभव कराएगी। इस बाबत एक्सपर्ट भी इस पहल की काफी सराहना कर रहे हैं।

हमारा शरीर वात -पित्त और कफ से बना है। वात यानि वायु हमारे बोलने, पित्त मेटाबॉलिज्म और कफ बॉडी के स्थायित्व पर असर डालता है। हर्बल प्लांट्स हमारी बॉडी में इन्हें बैलेंस करते हैं। हर्बल प्लांट्स बॉडी में सम सत्व को बढ़ाने में मदद करते हैं। जिससे मरीज जल्दी रिकवर करता है। हर्बल पौधों के सम्पर्क में आने से भी बीमारियां रिकवर होती है।

डॉ। सोनाक्षी गोयल, बीएएमएस, कंसल्टेंट, धनवंतरि आयुर्वेदिक सेंटर

------------

मेडिकेशनल प्रॉपर्टीज के प्लांट्स वातावरण को सीधे प्रभावित करते हैं। इनसे ऑक्सीजन बढ़ती है। अस्पताल में अगर हर्बल गार्डन हैं तो यह मरीजों को रिकवर होने में काम करता है। हॉस्पिटल्स में बीमारियों के वायरस होते हैं जिससे इंफेक्शन का खतरा रहता है। ऐसे में हर्बल गार्डन से इंफेक्शन के चांस काफी कम कर देते हैं। पेशेंट की हीलिंग पॉवर बढ़ जाती है।

डॉ। रामकुमार शर्मा, डायरेक्टर, पंचकर्म आयुर्वेदिक सेंटर

------------

हर्बल प्लांट्स की एंटीटॉक्सिन वैल्यू होती है। यह शरीर से टॉक्सिन खींचते हैं। उदाहरण के तौर पर कई बीमारियों में नई स्किन बननी बंद हो जाती है, ऐसे में तुलसी इसमें जबरदस्त इफैक्ट देता है। अस्पतालों को हर्बल गार्डन से मेडिकेशनल बल मिलता है। वातावरण शुद्ध होता है इसके साथ ही मरीजों की मनोस्थिति को बदलने भी यह काम करते हैं

रमन त्यागी, पर्यावरणविद्

---------

हमने अपने यहां हर्बल गार्डन की शुरुआत की है। अभी यह डेवलप हो रहा है। अस्पताल परिसर में हर्बल गार्डन से पेशेंट्स को फायदा मिलेगा।

मंजु मलिक, सीएमएस, जिला महिला चिकित्सालय