- मोहल्लों के लोगों संग प्रेस कान्फ्रेंस में पहुंचीं गीता

- शहर के व्यापारी की भूमिका की जांच कराने की उठाई मांग

GORAKHPUR: दवा कारोबारी नीरज रामरायका हत्याकांड में मेरे बेटे को फर्जी फंसाया गया। रात में मेरा बेटा घर पर सो रहा था। उसे पुलिस घर से बुलाकर ले गई। दो दिन बाद हत्या के आरोप में जेल भेज दिया। यह कहना है गीता वर्मा का जिनके छोटे बेटे रोहित को नीरज हत्याकांड में जेल भेजकर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। मंगलवार को मोहल्ले के लोगों संग गीता प्रेस कान्फ्रेंस करने पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को फर्जी मुकदमे में फंसाकर पुलिस ने जिदंगी भर का दर्द दे दिया। मैं अपने बेटे के हत्यारा होने का दाग धोने के लिए इंसाफ मांग रही हूं। पूरा मोहल्ला जानता है कि मेरा बेटा बेकसूर है। इसीलिए सभी लोग मेरे साथ खड़े हैं। महिला ने आरोप लगाया कि शहर के एक व्यापारी को बचाने के लिए पुलिस ने आनन फानन में केस का खुलासा कर दिया।

असली हत्यारे को पकड़े पुलिस

गीता वर्मा ने कहा कि तीन साल से नीरज उनके रुपए नहीं लौटा रहा था। इसलिए उन लोगों ने केस भी दर्ज कराया था। किसी अन्य व्यक्ति ने नीरज की हत्या करा दी। इसका आरोप उनके बेटे पर मढ़ दिया गया। मोहल्ले के सीसीटीवी फुटेज में उनका बेटा अपने घर जाते हुए नजर आ रहा है। गीता ने बताया कि वह डीएम ऑफिस पर अकेली गई थीं। जबकि पुलिस कह रही है कि उनके बेटे ने सबके सामने नीरज को जानमाल की धमकी दी थी। गीता के पक्ष में मोहल्ले के फिरोज आलम, अखिलेश गुप्ता, अरुण कुमार, राजेश वर्मा, मोहम्मद खालिद, विजय यादव, राजेश वर्मा सहित कई लोग प्रेस क्लब पहुंचे थे। गीता ने कहा कि जब मेरे बेटे ने नीरज और उनकी पत्‍‌नी को धमकी दी थी। तब मुकदमा दर्ज कराते हुए उसे क्यों नामजद नहीं किया गया।