- यूपी सरकार के साथ एमओयू करने को निवेशकों का आना जारी

- औद्योगिक प्राधिकरणों में मानव संसाधन की रिपोर्ट देगा आईआईएम

LUCKNOW :औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि निवेश प्रस्तावों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए और उसकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग भी सुनिश्चित की जाए। यूपी इंवेस्टर्स समिट में आये प्रस्तावों की मंगलवार को समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि 4.68 लाख करोड़ रुपये के अब तक 1074 एमओयू साइन हो चुके हैं। अभी भी निवेशक प्रदेश में उद्यम स्थापना के लिए एमओयू करने के उत्सुक हैं। उन्होंने समिट के दौरान आये निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के निर्देश दिए। साथ ही, प्रदेश के सभी औद्योगिक प्राधिकरणों में उपयुक्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आईआईएम नोएडा से स्टडी कराकर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा।

प्राधिकरणों की होगी जिम्मेदारी

औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि औद्योगिक प्राधिकरणों की जिम्मेदारी होगी कि जितने भी एमओयू हुए हैं, उनको धरातल पर उतारा जाए। इसके लिए प्राप्त प्रस्तावों का गहन अध्ययन कर लिया जाए। इनका प्रस्तुतीकरण मार्च के दूसरे सप्ताह में सीएम योगी के समक्ष किया जायेगा। निवेश प्रस्तावों के प्रति मुख्यमंत्री काफी गंभीर हैं लिहाजा इनको जमीनी रूप देने के लिए मेहनत की जरूरत है। इसके लिए अधिकारियों को पूरी दिलचस्पी लेकर काम करना होगा। इसके अलावा उद्योगपतियों द्वारा दिये गये प्रस्तावों की निरंतर मॉनीटरिंग सुनिश्चित की जाए। इसमें उद्योगपतियों ने जहां उद्यम स्थापना के प्रति रुचि दिखाई है, वहां उनको सभी आवश्यक सुविधाएं प्राथमिकता से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। विभिन्न स्वीकृतियां, भवन निर्माण हेतु नक्शा पास कराना, विद्युत व्यवस्था, ड्रेनेज तथा सड़क निर्माण जैसे अवस्थापना सुविधाओं को समयबद्ध पूरा करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने एमओयू को ट्रैक करने के लिए इंटर सिस्टम डेवलेपमेंट पर बल दिया।

उद्योग बंधु को किया अधिकृत

महाना ने कहा कि एमओयू के क्रियान्वयन के लिए उद्योग बंधु को अधिकृत किया गया है। उद्यमी आवश्यकता पड़ने पर उद्योग बंधु के अधिकारियों से विचार विमर्श कर सकते हैं। कहा कि निवेशक अपनी इकाई स्थापना के लिए कंपनी की प्रोफाइल और प्रोजेक्ट प्रोफाइल जल्द संबंधित विभाग को उपलब्ध करा दें, ताकि भूमि आवंटन और अन्य क्लीयरेंस में कोई विलंब न हो। वहीं अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक सिन्हा ने कहा कि निवेशकों के प्रस्तावों का गंभीरता से परीक्षण किया जा रहा है और प्रदेश के सभी जिलों में उद्यम स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जायेगा। समिट में दिये गये आश्वासनों को हर हाल में पूरा करने के लिए विभाग कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। बैठक में सचिव औद्योगिक विकास अलकनंदा दयाल, ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवाशीष पण्डा, राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के एमडी एवं आयुक्त एवं निदेशक रणवीर प्रसाद, विशेष सचिव आलोक पांडे सहित विभिन्न विकास प्राधिकरणों तथा औद्योगिक विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।