मुंबई में रहने वाली सोनाली (रीहा चक्रवर्ती) कुछ लड़कों के साथ ब्रॉडबैण्ड प्रोवाइडर के रूप में काम करती है. उसके बचपन का दोस्त (अली फजल) यूएस से वापस आता है और उसके बिजनेस को बढ़ाने के लिए नई तरकीबें लगाता है. बिजनेस चमक जाता है, लेकिन मुश्किल तब आती है जब एक बड़ा कॉरपोरेशन ओनर वाघेला (अनुपम खेर) उनकी राह में आड़े आ जाता है. वाघेला ब्रॉडबैण्ड इंटरनेट बिजनेस में अपनी मोनोपॉली चाहता है. वह सोनाली को लालच देता है, लेकिन सोनाली रिजेक्ट देती है. इसके बाद अपनी अपनी जगह के लिए दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो जाती है. ना सोनाली लड़ाई छोड़ती है ना हार मानती है.
 
Proudcer:  Ramesh Sippy, Rohan Sippy, Roopa De Choudhury

Director:  Charu Dutt Acharya

Cast: Rhea Chakraborty, Ali Fazal, Anupam Kher, Swanand Kirkire, Raghav Juyal, Smita Jaykar

Rating: 2/5 star

फिल्म दिखाती है कि किस तरह कॉरपोरेट्स और राजनेताओं का गठजोड़ आम आदमी के लिए मुश्किलें पैदा करती है. औश्र कैसे छोटा सपना भी एक बड़ी लड़ाई की जमरन तैयार करता है.  फिल्म उन दीवानों की भी कहानी है जिनके लिए उनका काम उनका जुनून या दीवानगी नहीं जिंदगी होता है और वर्क प्लेस ही घर बन चुका होता है.


न्यू कमर रीहा चक्रवर्ती और राघव ज्युआल ने अपने करेक्टर ईमानदारी से प्ले किए हैं. अली फजल एक बार फिर अच्छे हं पर गलत फिल्म चुन बैठे हैं. फिल्म की कहानी सबसे बड़ी कमी प्रॉपर प्रजेंटेशन की है. सब्जेक्ट नया है लेकिन प्रेजेंटेशन बोरिंग है. बहरहाल इस वीक कुछ भी नया नहीं है तो अगर घर की साफ सफाई से ऊब कर बाहर रिलेक्स करने का मन हैं तो आप इस वीक रिलीज हो रही फिल्मों में से सिर्फ सोनाली केबल को ही किसी हद तक देखने लायक पायेंगे.

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