कहानी
1971 के हिन्दुस्तान-पकिस्तान वॉर के समय भारतीय नौसेना के एक 'कथित' क्लासिफाइड मिशन का फिल्मी रूपांतरण है 'गाजी अटैक'।

कथा, पटकथा और निर्देशन
इस फिल्म की कहानी सभी वॉर फिल्मों की तरह देश भक्ति से लबालब है। कुछ किरदार काफी स्टीरियोटाइप हैं, पर लिखाई के लिहाज से देखें तो फिल्म कई लेवल पर आपको इम्प्रेस करती है। पहले तो निर्देशक ने 'क्लासिफाइड' मिशन की थीम चुनकर एक काबिल-ए-तारीफ काम किया है। इससे फिल्म की घटनाओं में फिल्मी थ्रिल बढ़ गया है। इसकी राइटिंग काफी अच्छी है और फिल्म की गति को बनाए रखती है। अगर कहीं फिल्म मात खाती है तो वो हैं इसके चरमराये हुए वीएफएक्स, जहां धर्मा कैंप का नाम जुडा हो वहां ये हिस्सा बेहतर होना चाहिए था। आज के समय में जहां स्पेशल इफेक्ट के कुछ बढ़िया नाम देश में मौजूद हैं, वहां ऐसे वीएफएक्स, शोभा नहीं देते। भारत की पहली अंडर वॉटर फिल्म होने का दावा करने वाली ये फिल्म बाकी हर डिपार्टमेंट में बढ़िया है। आर्ट डायरेक्शन काबिल-ए-तारीफ है। डिटेलिंग थोड़ी बेहतर हो सकती थी।

The Ghazi Attack
Cast : Rana Daggubatti, K K Menon, Atul Kulkarni, Tapsee Pannu and Om Puri
Director : Sankalp Reddy
movie review: एक डीसेंट वॉर फिल्म

अदाकारी
'फ्लाइंग जट' के बाद मेरा केके मेनन से भरोसा सा उठ चला था, इस फिल्म से केके मेनन ने अपनी उस गलती को गंगाजल से धुल लिया है समझिये। वो अपने इस रोल में खूब जमे हैं। राणा का अब तक का ये सबसे शानदार हिंदी फिल्मी परफॉरमेंस है। बहुत दिनों से अतुल कुलकर्णी भी गायब से थे। इस फिल्म से वो अपनी वापसी एक अच्छे रोल में कर रहे हैं। राहुल सिंह भी अपने विलेन रूप में बढ़िया लगे हैं। 'पिंक' वाली तापसी पन्नू बस नाम के लिए हैं फिल्म में। ऐसा जरूर होगा जब आपकी आंखें भर आएंगी, जब आप जन्नतनशीं ओम पुरी साहब को फिल्म में देखेंगे। कुल मिलाकर इस फिल्म की कास्टिंग शानदार है।

 


देखने लायक फिल्म
फिल्म और भी बेहतर हो सकती थी, फिर भी ये फिल्म देखने लायक है। ये एक अच्छी वॉर फिल्म है। अच्छी कहानी, अच्छी अदाकारी और ओम पुरी साहब को एक बार फिर से देखने के लिए जरूर देखिये 'द गाजी अटैक' बॉक्स ऑफिस प्रेडिक्शन 30-40 करोड़ रुपये।
Review by : Yohaann Bhaargava
www.scriptors.in

 

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