-प्रबंधन केंद्र द्वारा मसूरी के 3500 भवनों का सर्वे किया

-लगभग 600 भवन अत्यंत जीर्ण-क्षीर्ण श्रेणी में रखे गए

MUSSOORIE : भूकंपीय मानकों के लिहाज से मसूरी को जोन भ् में रखा गया है। कुछ सालों पहले राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा मसूरी के फ्भ्00 भवनों का सर्वे किया गया था, जिसमें लगभग म्00 भवन अत्यंत जीर्ण-क्षीर्ण श्रेणी में रखे गये थे। उनको गिरासू घोषित किया गया था। डीएमएमसी और एमडीडीए द्वारा किए गये, इस सर्वे की रिपोर्ट सरकार को भी प्रेषित की गयी थी और एमडीडीए को इन गिरासू भवनों के बारे में नीति बनाने की बातें की गयी थी।

गंभीरता से मंथन नहीं किया

रिपोर्ट में मसूरी के लंढौर बाजार क्षेत्र को सबसे ज्यादा संवेदनशील घोषित किया गया था, लेकिन लगभग आठ साल बीत जाने के बाद अभी तक इस रिपोर्ट पर गंभीरता से मंथन नहीं किया गया है। जब कभी भी आसपास कोई भूकंप या प्राकृतिक आपदा आती है तब इस रिपोर्ट की या गिरासू भवनों की याद सरकार को अवश्य आती है।

नहीं झेल सकेंगी झटके

मसूरी की दर्जनों इमारतें लगभग डेढ़ से क्80 साल पुरानी हैं, जिनमें लंढौर की कोहिनूर बिल्डिंग प्रमुख है जो अभी तक तीन बड़े भूकंप झेल चुकी है। जीर्ण-क्षीर्ण हो चुकी कोहिनूर बिल्डिंग में अभी भी आधा दर्जन परिवार रहते हैं, जबकि इसका पूरा दक्षिणी भाग गिर चुका है। अगर समय रहते डीएमएमसी की इस रिपोर्ट पर गौर नहीं किया गया, तो भारी जनहानि की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है।