वॉर्ड नंबर 43 खोजवा, यहां धोखे हैं हर राह में, आईपीडीएस वर्क ने कर दिया पूरे वॉर्ड को बर्बाद

हेडिंग--

सड़कों का हाल बुरा, गलियों में है मलबा पड़ा

कुल आबादी- 20 हजार

कुल वोटर्स- 12 हजार

मोहल्ले वॉर्ड में- खोजवा, किरहिया, दुलरईया, पटेलनगर, शारदानगर, हनुमान गली, खोजवा चुंगी, क्रांतिपल्ली कॉलोनी, शंकुलधारा व अन्य।

पार्षद- अशोक सेठ, ग्रेजुएट

वॉर्ड नंबर 43 खोजवा, कबीरनगर से सटा ये इलाका इन दिनों यहां चल रहे एक डेवलपमेंट वर्क के कारण बेहाल है। ये वर्क है आईपीडीएस यानि इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम। बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने के इस प्रोजेक्ट में भले ही कबीरनगर मॉडल को बनाने की तैयारी है मगर इस काम के चलते पूरे वॉर्ड की मिट्टी पलीत हो चुकी है। गलियों संग सड़कों को खोदकर छोड़े हुए लंबा वक्त बीत चुका है। जिसके कारण यहां चलना किसी चैलेंज से कम नहीं है। सीवर संग पीने के पानी की बिछाई गई लाइन भी इस वर्क के कारण कई जगहों से डैमेज हो चुकी है जो पब्लिक की मुसीबत को और बढ़ाने का काम कर रही है। हालात ये हैं कि पिछले पांच सालों के दौरान क्षेत्रीय पार्षद की ओर यहां छोटे बड़े 50 से ज्यादा विकास कार्य कराये गए हैं। इसके बावजूद इस वॉर्ड में समस्याओं का अंबार है।

सड़क

सड़कों का हाल इस वॉर्ड में बहुत ही खराब है। अंडर ग्राउंड केबल डालने के लिए खोदकर छोड़ी गई सड़कें और गलियां कई महीनों से जस की तस पड़ी हुई हैं। गलियों में चौकों को निकालकर एक साइड में रख दिया गया है। जिसके कारण सकरी हो चुकी गली में पैदल चलने के लायक भी जगह नहीं गई है। मिट्टी और मलबे का ढेर हर सड़क व गली के दोनों छोर पर लगाकर छोड़ देने के कारण क्षेत्रीय लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

बिजली के तार

बिजली के तार भले ही अंडरग्राउंड किये जा रहे हों लेकिन अब तक सिर्फ तार को ही अंदर डाला जा सका है। कनेक्शन न होने के कारण लोगों को अभी इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसके कारण हाल ये है कि बिजली के तार अभी भी मौत बनकर पब्लिक के सिर पर व लोगों घरों के ऊपर मंडरा रहे हैं। तारों का जंजाल इस कदर पूरे वार्ड में फैला हुआ है कि कब इसके चलते कोई अप्रिय घटना हो जाये ये डर हर के मन में बैठा हुआ है।

सीवर

सीवर के हालात भी इस वॉर्ड में बहुत अच्छे नहीं हैं। कई जगहों पर खोदाई के कारण सीवर लाइन डैमेज हो चुकी है। इसके कारण सीवर के पानी की निकासी सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। सीवर के गंदा पानी के लगातार सड़क व गलियों में बहने के कारण हालात और बिगड़ रहे हैं और गलियां बैठने लगी हैं। सीवर के पानी के लगे रहने के कारण वॉर्ड में मच्छर भी पनप रहे हैं।

गंदगी

गंदगी को लेकर वॉर्ड के लोगों में नगर निगम से बहुत ज्यादा नाराजगी है। लोगों का कहना है कि बार बार कहने के बाद भी कूड़े का उठान प्रॉपर तरीके से नहीं होता है और न ही झाड़ू सही ढंग से लगाया जाता है। ये हाल तब है जबकि इस वॉर्ड में मौजूद शंकुलधारा पोखरा ह्रदय योजना में शामिल है और इसका एक्स्ट्रा केयर केन्द्र सरकार के कहने पर किया जा रहा है।

पानी

पीने के पानी की दिक्कत वॉर्ड में कुछ इलाकों में है। इसमें खोजवा चुंगी, क्रांतिपल्ली कॉलोनी समेत कुछ एक इलाके और हैं। ये परेशानी कुछ दिन पहले कई इलाकों में थी लेकिन हाल ही में शंकुलधारा में लगे ट्यूबवेल ने यहां पानी की किल्लत को काफी हद तक दूर किया है। हालांकि क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि वॉर्ड में लगे हैंडपंप अच्छे से काम करें तो दिक्कत और कम हो सकती है।

ये हैं मांगें

- खोदी गई सड़कें तत्काल ठीक हों

- गलियों में फैला मलबा हटाया जाये

- सफाई दोनों वक्त हर हाल में हो

- सीवर की टूटी लाइनों को ठीक कराया जाये

- पीने के पानी के लिए हैंडपंपों को रिबोर कराया जाए

वॉर्ड में विकास तो हुआ है लेकिन आईपीडीएस के तहत चल रहे वर्क के कारण हालात बिगड़ गए हैं। खोदाई के बाद सड़कों व गलियों को दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है। जिसके कारण प्रॉब्लम ज्यादा हो रही है।

रवि श्रीवास्तव, शंकुलधारा

सीवर की समस्या कुछ इलाकों में है। खोदाई के दौरान कई जगह सीवर लाइन के डैमेज होने से ये प्रॉब्लम ज्यादा बढ़ गई है। इसको दूर कर दें तो वॉर्ड में हालात और भी अच्छे हो जायें।

गोपाल जी, खोजवा

बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने के लिए खोदाई तो हुई है लेकिन रोड पर रखी निर्माण सामग्री को अब तक हटाया नहीं गया। जिसके कारण गलियों में अब तक तारों का जंजाल बना हुआ है।

बबलू सोनकर, किरहिया

गंदगी की दिक्कत दूर होना जरूरी है। क्योंकि निगम इस ओर कभी ध्यान नहीं देता है। सफाई कर्मी कभी आते हैं कभी नहीं। जिसके कारण वॉर्ड गंदा है।

रामचन्द्र प्रसाद, कश्मीरीगंज

पार्षद जी जवाब दो

सवाल- पांच सालों में क्या हुआ वॉर्ड में?

जवाब- मैंने पांच सालों के दौरान अपने वॉर्ड में 50 से ज्यादा छोटे बड़े काम कराये हैं। ट्यूबवेल से लेकर नाली नाली की मरम्मत और चौकों की रिसेटिंग का काम कई जगहों पर कराया है। हर समस्या का पूरा समाधान करने की कोशिश होती है।

गली और सड़कों का हाल बहुत खराब है?

जवाब- आपकी बात से सहमत हूं लेकिन ये दिक्कत मेरी तरफ से नहीं बल्कि आईपीडीएस के तहत वर्क कराने के लिए की गई खोदाई के चलते है। सड़कों व गलियों पर खोदाई के बाद इनकी मरम्मत न होना परेशानी को और बढ़ा रहा है।

सीवर की प्रॉब्लम भी है कुछ मोहल्लों में?

जवाब- सीवर की प्रॉब्लम पहले से बहुत कम हुई है। हालात बिगड़े भी हैं तो खोदाई के दौरान कुछ जगहों पर सीवर डैमेज होने से। इनको भी जल्द ठीक कराने का प्रयास कर रहा हूं।