राष्ट्रीय शिल्प मेले में 18 प्रांतों से आए शिल्पकारों वव Artist को दी गई Cashless business की सुविधा

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ALLAHABAD: देश में नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने की दिशा में डिजिटल कैशलेस व्यवस्था का क्रेज बढ़ता जा रहा है। मार्केट हो या आम आदमी की जिंदगी, हर जगह इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल हो रहा है। जिससे कि जेब में पैसा न हो तो भी आप अपने प्लास्टिक कार्ड के जरिए मनचाही चीजें खरीद सकें। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ने पीएम की अपील से प्रेरित होकर कैशलेस व्यवस्था को न केवल अपनाया है बल्कि शिल्प हाट में राष्ट्रीय शिल्प मेला के आयोजन के दौरान देश की बहुभाषी लोक संस्कृति का मिनी इंडिया पूरी तरह से कैशलस बना दिया गया है। यही वजह है कि शिल्प हाट में देश के 18 राज्यों से आए शिल्पकारों और आर्टिस्टों को कैशलेस की सुविधा प्रदान की गई है।

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इस बार का शिल्प मेला 'गो कैशलेस गो डिजिटल' से जुड़ा हुआ है। केन्द्र प्रशासन ने इसके लिए चार एक्सपर्ट की टीम बनाई हुई थी। टीम के चीफ रितांशु गुप्ता की अगुवाई में सदस्यों ने शिल्पकारों को अभियान से जोड़ दिया है। इसके लिए डिजिटल पेमेंट गेटवे अकाउंट का फार्म भरवाया गया है। शिल्पकारों के क्यूआर कोड जेनरेट किया गया है। साथ ही उसे स्टॉलों पर भी लगा दिया गया है। ताकि उनके स्टॉल पर प्रोडक्ट खरीदने के लिए आने वाले कस्टमर कैश न होते हुए भी पेटीएम से भुगतान कर सकते हैं। टीम के सदस्यों ने शिल्पकारों को उसका इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया है।

क्त्रञ्जद्दस् से करें भुगतान

केन्द्र प्रशासन ने एनसीजेडसीसी की वेबसाइट पर पेमेंट पोर्टल पर आरटीजीएस के जरिए आर्टिस्टों को भुगतान करने की व्यवस्था भी शुरू की है। इसके लिए पोर्टल पर संबंधित राज्य का नाम, पार्टी लीडर का नाम व पता, मोबाईल नम्बर व मेल आईडी का रजिस्ट्रेशन कराया गया है। ताकि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उनके खाते में सीधे आरटीजीएस से भुगतान कर दिया जाए।

ष्टह्मड्डद्घह्ल द्घड्डद्बह्म की खासियत

राज्यों का प्रतिनिधित्व : उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर व मेघालय सहित कुल 18 प्रान्त

हैंडी क्राफ्ट के स्टॉलों की संख्या : 113

व्यंजनों का स्टॉल : 22

आर्टिस्ट : एक हजार

पिछली बार की बिक्री : 2.5 करोड़

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सांस्कृतिक केन्द्र के प्रशासन ने शिल्पकारों और आर्टिस्टों को डिजिटल अभियान से जोड़ा वहीं पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के शिल्पकार अपने साथ स्वाइपिंग मशीन भी लेकर आएं हैं। इन राज्यों के स्टॉल पर एक-एक मशीन ग्राहकों की सुविधा के लिए रखी गई है।

नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की नई परंपरा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। इसके लिए देशभर से आए शिल्पकारों को गो कैशलेस गो डिजिटल से जोड़ा गया और आर्टिस्टों को आरटीजीएस के जरिए भुगतान की व्यवस्था की गई है।

गौरव कृष्ण बंसल, निदेशक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र