नहीं था साक्ष्य
अहमदाबाद स्थित एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स महिला से उसके विवाहित होने का सबूत मांगते रहे और इस दौरान फुटपाथ पर ही उसके प्रसव हो गया और थोड़े देर बाद उसके बच्चे की मौत हो गई। बाद में अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए महिला के परिजनों ने कहा कि अस्पताल ने विवाह का सबूत मांगते हुए उसे भर्ती करने से मना कर दिया था। बुधवार को आशाबेन को प्रसव पीड़ा होने के बाद भाई राकेश ऑटो से रूक्मणीबेन अस्पताल लाया था।

अस्पताल प्रशासन का इंकार
हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इससे इन्कार कर दिया। उनका कहना है कि छह माह की गर्भवती आशाबेन बारिया ने खोखरा स्थित रूक्मणीबेन सरकारी अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर अपने बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टरों ने अस्पताल में समय-पूर्व जन्म लेने वाले शिशु की देखभाल के लिए इन्क्यूबेटर नहीं होने के कारण उसे दूसरे अस्पताल में जाने को कहा था। लेकिन, आशाबेन के भाई का आरोप है कि उनकी बहन के पास विवाह का साक्ष्य नहीं होने के कारण अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। उसका कहना है, 'डॉक्टरों ने मुझसे मेरी बहन के विवाह का साक्ष्य मांगा। मैंने उनसे कहा कि यह इमरजेंसी है, लेकिन उन्होंने नहीं सुना और हमें जाने को कहा।' अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी आरएच वघाशिया ने कहा, 'वह छह माह की गर्भवती थी, बच्चे को जन्म देने वाली थी, जब वहां यहां आई तो खून गिर रहा था। चूंकि हमारे पास प्री-मैच्योर शिशु के लिए इन्क्यूबेटर नहीं है, मैंने उसे तुरंत मणिनगर स्थित एलजी अस्पताल जाने को कहा, जहां सुविधा उपलब्ध है, लेकिन उनके वहां पहुंचने से पहले महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया।' खोखरा पुलिस का कहना है कि उन्होंने अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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