Agency: सुप्रीम कोर्ट ने गाडिय़ों का इंश्योरेंस रिन्यू करने के लिए नया नियम लागू किया है। अब इंश्योरेंस रिन्यू करवाने के लिए वाहन का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट चाहिए होगा। ना होने की स्थिति में इंश्योरेंस रिन्यू नहीं किया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य वाहनों से होने वाले पॉल्यूशन को कम करना है। देशभर में बढ़ते पॉल्यूशन की समस्या को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है।

 

इंश्योरेंस कंपनियों को आदेश जारी
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस मदन बी लोकुर ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को भी निर्देश दिया कि वो इस पर सख्ती से कार्य करें। इसके अलावा बेंच ने देशभर में रियल टाइम ऑनलाइन, ऐसे पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सेंटर्स भी बनाने को कहा, जिससे निगरानी की जा सके कि जिन पॉल्यूशन सर्टिफिकेट्स को जारी किया गया है, उनमें किसी तरह की गड़बड़ी तो नहीं की गई।

 

इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) रीजन में हर फ्यूल रिफिलिंग सेंटर पर पीयूसी सेंटर अनिवार्य तौर पर हों। ये भी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, कोर्ट ने इस सिलसिले में केंद्र सरकार को 4 हफ्ते का वक्त दिया है। इस व्यवस्था को लागू करने और कोर्ट को जानकारी देने के लिए। वहीं, कोर्ट ने अपने फैसले में पर्यावरण पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (ईपीसीए) के कई सुझावों को भी स्वीकारा है। जिनमें प्रर्यावरण को पॉल्युशन से कैसे बचाएं, ऐसे कई सुझाव दिए गए थे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पर्यावरणविद् एससी मेहता की पीआईएल पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है।


क्या होता है उनका, जो फेक न्यूज पोस्ट करते हैं

ø सभी इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि जिन गाडिय़ों की वजह से प्रदूषण हो रहा है उन्हें रोड पर न चलने दें।

ø बेंच ने देशभर में रियल टाइम ऑनलाइन पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सेंटर्स के लिए भी एक सिस्टम तैयार करने को कहा है।

ø यह सिस्टम ऐसा होगा, जिससे ये निगरानी की जा सते कि पॉल्युशन सर्टिफिकेट जारी करने में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो रही।

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