- रोज 80 से ज्यादा लोग पहुंचते हैं, कुत्ते काटे का इंजेक्शन लगवाने

- अगले एक हफ्ते तक एंटी रैबीज इंजेक्शन आने की उम्मीद नहीं

- मरीजों को खर्च करने पड़ रहे हैं 930 रुपये

DEHRADUN: पिछले कुछ दिनों से कुत्तों के काटने की घटनाओं में अचानक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, लेकिन ठीक इसी बीच दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म हो गये। अगले एक सप्ताह के भीतर भी इंजेक्शन आने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में दून हॉस्पिटल में आने वाले लोगों को बाजार से महंगा इंजेक्शन खरीदना पड़ रहा है।

हर रोज 80 से ज्यादा नये मरीज

दून हॉस्पिटल में आमतौर पर हर रोज औसत 30 के आसपास कुत्ते के काटे मरीज इंजेक्शन लगवाने आते हैं, लेकिन पिछले कुछ हफ्ते से यह संख्या अचानक बढ़ गई है। इन दिनों हर रोज 40 से ज्यादा नये मरीज आ रहे हैं। हर रोज 40 से ज्यादा पुराने मरीज भी इंजेक्शन लगवाने आते हैं। हर मरीज को घाव के अनुसार 5 से 7 इंजेक्शन लगाये जाते हैं।

बाजार में 930 का इंजेक्शन

हॉस्पिटल में इंजेक्शन न होने के कारण मरीजों से बाहर से एंटी रैबीज इंजेक्शन खरीदना पड़ रहा है। इस पूरे कोर्स के लिए बाजार में 930 रुपये देने पड़ रहा हैं। यदि कुत्ता घर का हो अथवा पहचान का हो तो शुरू में 400 रुपये का इंजेक्शन खरीदना पड़ता है, हालांकि एक सप्ताह के भीतर कुत्ते के मर जाने या गायब हो जाने की स्थिति में 530 रुपये का इंजेक्शन फिर से लगाना होता है।

एक हफ्ते तक उम्मीद नहीं

हॉस्पिटल में अगले एक हफ्ते तक एंटी रैबीज इंजेक्शन आने की कोई उम्मीद नहीं है। चीफ फार्मासिस्ट सुधा कुकरेती ने बताया कि इंजेक्शन की डिमांड भेजी जा चुकी है, लेकिन एक हफ्ता और लगा सकता है। इंजेक्शन पिछले 25 जनवरी को खत्म हो गया था।