i reality check

- DDUGU में सुरक्षा के लिए तैनात रिटायर्ड जवानों पर खर्च होते हैं 22 लाख

- किसी भी गेट पर एंट्री के समय नहीं होती चेकिंग, बाहरी घुसकर करते हैं उपद्रव्र

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू में आए दिन बाहरी युवक घुस जाते हैं और यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ मारपीट कर लेते हैं। गुंडई का आलम यह है कि वर्चस्व दिखाने के लिए कैम्पस में गोली तक चल चुकी है। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 186 होमगा‌र्ड्स जवानों को हटाकर 99 रिटायर्ड आर्मी जवानों के हाथ सिक्योरिटी की कमान सौंप दी जिनकी सैलरी पर 22 लाख रुपए खर्च होते हैं लेकिन इसके बाद भी हालत बदले नहीं हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कैम्पस की सुरक्षा का रिएलिटी चेक किया तो तमाम खामियां सामने आई।

सीन-1

स्पॉट: डीडीयूजीयू मेन गेट

टाइम: 12.30 बजे

यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर छात्र नेताओं का जमावड़ा लगा था। रोक के बावजूद मेन गेट से बड़ी लग्जरी गाडि़यां बिना किसी रोक-टोक कैम्पस में आ-जा रही थी। स्टूडेंट्स के साथ ही बाहरी आने-जाने वालों से भी न तो कोई पूछताछ हो रही थी और न किसी तरह की जांच। कोई भी आए-जाए, कुछ भी ले जाए, सुरक्षा में तैनात जवान सिर्फ उसे देख रहे थे, किसी तरह की पूछताछ होती नजर नहीं आई।

सीन-2

स्पॉट: दीक्षा भवन

टाइम: 1.05 बजे

कैम्पस के अंदर बने दीक्षा भवन पर भी छात्र नेताओं का जमावड़ा दिखा। एमए में एडमिशन के लिए आए स्टूडेंट्स को छात्र नेता मोटिवेट करने में जुटे दिखे। कुछ छात्र नेता तो अंदर जाने के लिए जवानों से झपड़ करते भी नजर आए। हालांकि जवानों ने किसी को अंदर चल रही काउंसलिंग में नहीं जाने दिया। इसके बावजूद छात्र नेता कैम्पस में नेतागिरी चमकाने में लगे हुए थे।

सीन-3

स्पॉट: हिंदी डिपार्टमेंट गेट

टाइम: 1.20 बजे

हिंदी डिपार्टमेंट गेट के पास एक सिक्योरिटी गार्ड नजर आया लेकिन वह भी आने जाने वालों से कोई पूछताछ नहीं कर रहा था। हिंदी गेट के पास ही यूनिवर्सिटी में आने का एक और गेट है जिसे बंद कर दिया गया है लेकिन स्टूडेंट्स व अन्य युवक गेट फांदकर कैम्पस में प्रवेश करते नजर आए। किसी को न कोई रोकने वाला था और न ही यह पूछने वाला कि वे कौन हैं, क्यों गेट फांद रहे हैं और किसलिए कैम्पस में आए हैं।

सीन-4

स्पॉट: ब्वॉयज हॉस्टल

टाइम: 1.55 बजे

ब्वॉयज हॉस्टल पर भी कोई सिक्योरिटी गार्ड नजर नहीं आया। कोई भी आसानी से अंदर आ जा रहा था। यहां हॉस्टलर्स ने कई बार सुरक्षा व्यवस्था चुस्त करने की मांग की है लेकिन इसके बाद भी कोई फर्क नजर नहीं आया। जो भी चाहे, हॉस्टल में जा सकता है। हॉस्टलर्स का कहना है कि लग ही नहीं रहा कि होमगा‌र्ड्स हटाकर अब रिटायर्ड आर्मी जवान लगाए गए हैं। हालात बिल्कुल वैसा ही है, जैसा पहले था।

--------------

कैम्पस में खुलेआम होती है गुंडई

केस-1

डीडीयूजीयू दीक्षा भवन में एडमिशन को लेकर काउंसलिंग चल रही थी। बाहरी तत्वों और चीफ प्रॉक्टर से भिड़ंत हो गई। इस दौरान छात्र नेता भी मनमानी पर उतारू हो गए। जमकर प्रदर्शन किया। लेकिन इसके बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

केस-2

डीडीयूजीयू कैंपस में कुछ दिनों पहले असलहा लहराते हुए कुछ बाहरी प्रवेश कर गए थे। समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की ओर जाने वाले तिराहे पर यूनिवर्सिटी के एक छात्र की जमकर पिटाई की। यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले में खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर, असामाजिक तत्वों की पहचान तक नहीं कर सका।

केस-3

दीक्षा भवन में चल रहे यूजी प्रवेश के दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष के प्रवेश के बाद छात्र नेताओं ने जमकर हंगामा किया। स्थित यह हो गई कि आधे घंटे के लिए प्रवेश कार्य ठप हो गया था। प्रवेश समन्वयक प्रो। हिमांशु चतुर्वेदी के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह से प्रवेश कार्य शुरू किया जा सका लेकिन इस मामले में भी किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।

---------------

सुरक्षा पर खर्च

पहले-

186 होमगा‌र्ड्स जवानों की थी तैनाती

18 लाख रुपए प्रति माह खर्च होते थे सैलरी पर

अब-

99 रिटायर्ड आर्मी जवान हैं तैनात

22 लाख रुपए प्रति माह खर्च हो रहे सैलरी पर

-------------

इनके जिम्मे है सुरक्षा

सिक्योरिटी अफसर - 01 (रिटायर्ड कर्नल एसपी सिंह)

एसओ - रिटायर्ड कैप्टन जगन्नाथ सिंह

सिक्योरिटी सुपरवाइजर - 03 (रमाशंकर पांडेय, बहादुर उपाध्याय व गुरुनानक यादव)

टोटल जवान - 98

इन जगहों पर है तैनाती

- डीडीयूजीयू मेन गेट

- दीक्षा भवन

- प्रॉक्टोरियल बोर्ड ऑफिस

- एडी बिल्डिंग

- याक्ची कंपाउंड

- ब्वॉयज

- हीरापुरी कॉलोनी

- वीसी ऑफिस

- रजिस्ट्रार ऑफिस

- एग्जामिनेशन कंट्रोलर ऑफिस आदि

-----------

तीन शिफ्ट में होती है ड्यूटी

1. सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक इनकी तैनाती

गनमैन - 4

डंडा मैन -25

सुपरवाइजर -01

2. दोपहर 2 से रात 10 बजे तक इनकी तैनाती

गन मैन - 4

डंडामैन - 25

सुपरवाइजर - 01

3. रात 10 से सुबह 6 बजे तक इनकी तैनाती

गन मैन - 4

डंडामैन - 28

सुपरवाइजर - 01

4. जनरल शिफ्ट में इनकी ड्यूटी

गन मैन - 3

डंडामैन - 2

एएसओ - 01

---------------

कॉलिंग

डीडीयूजीयू में सिक्योरिटी पर लाखों रुपए खर्च होते हैं, लेकिन उसका असर दिखाई नहीं देता है। कहीं कोई ड्यूटी करता नहीं दिखता है।

- जूही सिंह

कैंपस में कहीं सिक्योरिटी फील नहीं होती। स्टूडेंट लीडर्स पर तो कोई अंकुश ही नहीं है। ऐसी सुरक्षा का क्या फायदा?

- मो। अब्दुल हादी

नए वाले वीसी सर से सुरक्षा को लेकर काफी उम्मीद थी, लेकिन कैंपस की सुरक्षा नहीं बढ़ी। लग्जरी गाडि़यों की एंट्री पर कोई हस्तक्षेप नहीं है।

- मंशा साहनी

यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल बहुत खराब है। छात्रनेता केवल हुटिंग और कमेंट पास करते हैं। गुंडागर्दी बढ़ गई है। कैंपस में ग‌र्ल्स बिल्कुल भी सेफ नहीं हैं।

अन्नू मिश्रा

वर्जन

सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए रिटायर्ड आर्मी जवानों की तैनाती हुई है। इन सभी को सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है। जो अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं करेगा, कर्नल से उसकी शिकायत कर उसके विरुद्ध कार्रवाई करवाई जाएगी।

शत्रोहन वैश्य, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू