कॉलेज : 613

सीट : 2,25,000 लगभग

बीटेक, बीफार्मा : 1.5 लाख

एमबीए : 50,000

एमसीए : 5,000

- स्टूडेंट्स को एक एंट्रेंस एग्जाम देना अनिवार्य

- खाली सीटों पर कॉलेजों को तैयार करनी होगी मेरिट लिस्ट

LUCKNOW : डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) ने सभी सेल्फ फाइनेंस इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में स्टूडेंट्स के डायरेक्ट एडमिशन पर रोक लगा दी है। नए सेशन से अब इन कॉलेजों में उन्हीं स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। जिन्होंने एंट्रेंस एग्जाम में हिस्सा लिया होगा।

एंट्रेंस एग्जाम देना जरूरी

एकेटीयू ने साफ किया है इस बार से सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में उन्हीं स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा जिन्होंने स्टेट एंट्रेंस एग्जाम, जेईई मेन्स या फिर कोई दूसरे स्टेट में आयोजित इंजीनियरिंग एग्जाम दिया होगा। ज्ञात हो कि यूनिवर्सिटी में बीते सेशन में एमफॉर्मा और एमटेक कोर्सेस में इस नियम को लागू किया गया था। इस बार से इसे यूजी और सभी मैनेजमेंट कोर्स में लागू किया जाहा है।

75 परसेंट सीटें एसईई से होंगी फुल

एकेटीयू प्रशासन ने कहा कि इस बार से सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में 75 सीटों पर एसईई-2017 में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। वहीं दूसरे स्टेट से आए स्टूडेंट्स के लिए दस प्रतिशत सीटें आरक्षित रखजाएंगी।

मेरिट से भरी जाएंगी खाली सीटें

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि सभी कॉलेजों में एसईई की काउंसिलिंग से ही एडमिशन होंगे। अगर इसके बाद भी कॉलेजों की सीटें खाली रह जाती हैं तो सीटों को भरने के लिए कॉलेजों को मेरिट तैयार कर एडमिशन लेना होगा। इसके लिए पहले जेईई मेन्स की रैंक, फिर एसईई की रैंक के आधार पर स्टूडेंट्स की मेरिट तैयार होगी। इसके बाद अगर खाली सीट बचती है तो 12वीं के मा‌र्क्स के आधार पर एडमिश्ान होगा।

एसईई में अब तक एक लाख आवेदन

एसईई-2017 के लिए अब तक करीब एक लाख स्टूडेंट्स ने आवेदन किए हैं। जिसमें पीजी कोर्सेस के लिए 7347 स्टूडेंट्स ने आवेदन किए हैं। इनमें 5616 ने फीस जमा कर आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। वहीं यूजी कोर्सेस में 1,06,422 ने रजिस्ट्रेशन कराया है, इनमें से 94,640 ने फीस जमा करा दी है। एसईई-2017 के आवेदन पांच मार्च तक किए जाएंगे। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी सूचना के हिसाब से 27 से 29 मार्च तक आवेदनों में सुधार किया जा सकेगा।

अब कोई भी कॉलेज डायरेक्ट एडमिशन नहीं लेगा। स्टूडेंट्स का किसी न किसी एंट्रेंस एग्जाम में शामिल होना अनिवार्य है। इससे कॉलेजों में चल रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

कुलदीप सहाय, एसईई-2017 कोऑर्डिनेटर