RANCHI: रिम्स नर्सिग कालेज की स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को क्लास करने से इन्कार कर दिया। सूचना पाकर डायरेक्टर पहुंचे और स्टूडेंट्स से बातचीत की। स्टूडेंट्स ने कहा कि जब मान्यता ही नहीं है, तो क्लास करने का क्या फायदा। इस पर डायरेक्टर डॉ। बीएल शेरवाल ने कहा कि वह फैकल्टी की समस्या दूर करने में लगे हैं। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भी भेजा है, ताकि जल्द समस्या दूर की जा सके। बताते चलें कि नर्सिग काउंसिल आफ इंडिया ने फैकल्टी की कमी के कारण रिम्स के नर्सिग कालेज की मान्यता रद कर दी है। इसके बाद से नर्सिग स्टूडेंट्स को फ्यूचर की टेंशन सता रही है।

कांट्रैक्ट फैकल्टी को भी बराबर सैलरी

डॉ। शेरवाल ने बताया कि फैकल्टी की समस्या दूर करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसमें यह भी लिखा गया है कि नई रिक्रूटमेंट वाली नर्सो को जो बेसिक सैलरी दी जाती है, वही कांट्रैक्ट वालों को भी दी जाएगी। उन्होने कहा कि पिछले दिनों सीएम से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने यह मामला उठाया था।

आज से बेमियादी हड़ताल पर नर्सिग छात्राएं

रिम्स के नर्सिग कॉलेज की मान्यता रद होने की वजह से नाराज छात्राएं शनिवार से बेमियादी हड़ताल पर जा रही हैं। इसकी सूचना नर्सिग छात्राओं ने कॉलेज की प्रिंसिपल, नर्सिंग सुपरीटेंडेंट, रिम्स निदेशक को दे दी है। इनका कहना है कि इंडियन नर्सिग काउंसिल ने संसाधनों के अभाव में वर्ष ख्0क्म्-क्7 में कॉलेज की मान्यता रद कर दी। ऐसे में वे आने वाली परीक्षा में बैठने से वंचित हो जाएंगी। अगर उनकी परीक्षा ली भी जाती है तो बिना कॉलेज की मान्यता उस डिग्री का कोई महत्व नहीं रहेगा। इनकी मांग है कि जिस तरह वर्ष ख्0क्फ् में काउंसिल से बैक डेट में सशर्त मान्यता ली गई थी, उसी तरह इस बार भी हो। अब प्रबंधन हमारे भविष्य को लेकर ठोस कदम नहीं उठाता है तो हड़ताल लम्बे समय तक जारी रहेगी।

वार्ड पर पड़ेगा असर

रिम्स में बीएससी नर्सिंग कोर्स के फाइनल ईयर की छात्राएं इन दिनों वार्ड ड्यूटी पर हैं। वार्ड की जिम्मेवारी इनपर ही रहती है। ऐसे में हड़ताल का असर वार्डो पर पड़ेगा।

जीबी ने फैकल्टी की नियुक्ति पर दी है सहमति

इधर, मंगलवार को रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक में नर्सिग कॉलेज की मान्यता बचाने के लिए फैकल्टी की नियुक्ति पर सहमति बनी थी। स्थाई नियुक्ति होने तक एडहॉक पर नियुक्ति की बात स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंसी द्वारा कही गई थी।