1. केएल सहगल का जन्म साल1904 में हुआ था। उन्होंने अफने महज 15 साल के फिल्मी करियर में 200 गानों को आवाज दी थी। उन्होंने खास तौर पर दिल टूटने वाले गानें ही गाये। शुरु से अंत कत सहगल ने अपना सारा समय संगीत को ही दिया। हिंदी सिनेमा को अपने गानों से सहगल ने एक अलग आयाम ही दे दिया है।

2. सहगल ने जब दिल ही टूट गया, एक बंग्ला बने न्यारा, हम अपना उन्हें बना न सकें, दो नैना मतवाले तिहारे, मैं क्या जानू क्या जादू है, किताबें और तकदीर जैसे बडे़ फेमस गानें गाये जिन्हें आज भी लोग शांत मन से सुनना पसंद करते हैं।

3. अपने 15 साल के छोटे से करियर में सहगल ने 36 फिल्मों में ही काम किया। इन 36 फिल्मों में ही उन्होंने 200 गाने गाये। 36 फिल्मों में से सहगल ने 7 बंगाली फिल्में कीं और 28 हिंदी फिल्में की थीं।

4. हिंदी सिनेमा की सुपरहिट फिल्म देवदास में केएल सहगल ने अहम भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में सहगल देवदास का किरदार निभा रहे थे। इसके बाद देवदास की रिमेक बनी जिसमें दिलीप कुमार देवदास की भूमिका में नजर आए। फिर देवदास की तीसरी रिमेक बनी जिसमें शाहरुख खान देवदास के रोल में नजर आए हैं।

5. सहगल ने अपने 15 साल के फिल्मी करियर में ऐसा अभिनय किया है कि उन्हें लोग उस अभिनय के लिए सालों साल याद रखेंगे। सहगल ने सिर्फ देवदास जैसी ही बडी़ फिल्म नहीं दी है बल्कि इसके सुपरहिट होने के बाद उन्होंने भक्त, सूरदास, तानसेन, उमर खैयाम, कुरुक्षेत्र और शाहजहां जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

6. केएल सहगल उस समय के उभरते सिंगर्स के लिए एक मोटिवेशन थे। बता दें कि उन दिनों हिंदी सिनेमा के महान गायक मुकेश कुमार भी उभरते कलाकारों की श्रेणी में आते थे। मुकेश कुमार सहगल की इतनी इज्जत करते थे कि उनकी आवाज में ही गाने लगे। कई फिल्मों में उन्होंने सहगल की आवाज में गाया है।

7. सहगल को बचपन से ही म्यूजिकल बैकग्राउंड मिला। सहगल की मां केसरबाई को संगीत का बहुत शौक था और वो धार्मिक भी थीं। मां केसरबाई सहगल को धार्मिक आयोजनों नें लेकर जाया करती थीं। वहीं से सहगल के मन में सिंगर बनने की इच्छा उठी। फिर शास्त्रीय संगीत में रुचि जागी और आगे चल कर वो महान गायक के साथ-साथ एक्टर भी बने।

8. केएल सहगल का संगीत के क्षेत्र में कोई गुरु नहीं था। उन्होंने एक सूफी संत सलमान युसूफ से संगीत के गुण सीखे। क्योंकि बचपन से ही सहगल को संगीत की काफी पकड़ थी तो वो एक बार कोई गीत सुनते और उसकी लय को पकड़ लेते थे।

9. सहगल ने बचपन अपनी पढा़ई लिखाई बीच में ही छोड़ दी थी। फिर अपने जीने खाने के लिए उन्हें कुछ तो करना ही था तो उन्होंने सेलवे में टाइमकीपर की नौकरी करना शुरु कर दिया। इसके बाद वो टाइपराइटिंग मशीन की कंपनी में सेल्समैन की नौकरी भी किये। बाद में वो 200 रुपये प्रति माह पर कोलकाता के एक थियेटर में काम किये।

10. फिल्म जगत को एक अलग मकाम पर पहुंचाने के बाद सहगल ने साल 1947, 18 जनवरी को दुनिया से अलविदा कह दिया था। सहगल एक बहुत ही प्रतिभावान सिंगर थे। इंडस्ट्री के लिए उन्होंने एक लक्ष्य बनाया और उसे वहां तक पहुंचाया भी। फिर अपना काम करके हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़ गये।

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