- इलाहाबाद और बाराबंकी के सेंटर्स की कॉपियों में दिखा गोलमाल

- एक रोल नंबर की मिली दो कॉपियां, डीआईओएस ने मांगी आख्या

स्वाति भाटिया,

मेरठ- यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकलमाफिया ने जमकर खेल किया है। पोल उस समय खुली जब सेंटर पर कॉपी चेक करते हुए एग्जामनर को एक ही रोल नम्बर की दो कॉपियां मिलीं। शनिवार को मूल्यांकन करते हुए जब एग्जामनर को ऐसी कॉपियां मिलीं तो उससे साफ अनुमान लगा लिया कि सारा खेल नकलमाफिया ने ही किया है। ये कॉपी नकल की मंशा से लिखी गई हैं, लेकिन गलती से दोनों ही कॉपी बंडल में रह गई हैं।

एक नहीं दो थे ऐसे केस

एसडी ब्वॉयज सदर में मूल्यांकन के दौरान शनिवार को एग्जामनर कॉपियां चेक कर रहे थे। तो उनको हैरानी हो रही थी , क्योंकि विज्ञान के ही विषय में ऐसे एक रोल नम्बर की दो कॉपियां होने के एक नहीं दो केस सामने आए। इन कॉपियों को देखने से ही नकल का अंदाजा लगा रहा था। इनमें से एक कॉपी बाराबंकी के सेंटर और दूसरी कॉपी इलाहाबाद के सेंटर की मिली।

दो छात्रों ने दी परीक्षा

बाराबंकी के एक सेंटर में एक रोल नम्बर 1994434 की कॉपी जिसको देखकर तो एग्जामनर ज्यादा ही हैरानी में थे। दरअसल, इनमें एक कॉपी पर सेंटर व रोल नम्बर एक था, लेकिन कमरा नम्बर अलग-अलग थे। एक पर तीन कमरा नम्बर और दूसरी कॉपी पर दो नम्बर था। इनमें से रुम नम्बर दो की कॉपी में रफ कार्य सा किया गया था। वहीं कमरा नंबर तीन की कॉपी में 36 नम्बर का ही कार्य था। एग्जामनर के मुताबिक एक ही दिन में एक ही परीक्षार्थी का पेपर दो लोगों ने अलग जगह बैठकर दिया।

राइटिंग व साइन से पकड़ा

इलाहाबाद सेंटर के रोल नंबर 175947 की कॉपी पर हैंडराइटिंग को देखकर ही नकल का खेल पता चल गया। पहले तो इन कॉपियों को देखकर डीएचई और उप नियंत्रक तक हैरान रह गए। लेकिन जब उन्होंने ये कॉपियां गौर से देखी तो सारा मामला सामने आया। दरअसल, कॉपियों में एक कॉपी पर तो किसी परीक्षार्थी ने गंदी राइटिंग लिखी थी लेकिन दूसरी में किसी ने घर पर बैठकर तसल्ली से लिखी हो। डीएचई के अनुसार यह सारा खेल सेंटर की मिली भगत का है।

वर्जन

मैंने आख्या मांगी है, आख्या तैयार करवाकर ये कॉपियां अलग बंडल में रखकर भेजी जाएगी।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस

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कॉपी में मिला एडमिट कार्ड

मूल्यांकन में जौनपुर के सेंटर की एक साइंस की कॉपी में परीक्षार्थी का एडमिट कार्ड भी मिला है। उसका रोल नंबर 2856206 है। एग्जामनर का कहना है कि एडमिट कार्ड में परीक्षार्थी का नाम, फोटो, सब्जेक्ट आदि काफी सारी चीजें पहचान के तौर पर लिखी होती है। जबकि परीक्षा में इस तरह से पहचान नहीं दी जा सकती है।