लंबी है विकास भवन में आउट सोर्सिग कर्मचारियों से सांठगांठ

महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं कर्मचारी, साहब तक नही पहुंच रही जानकारी

ALLAHABAD: विकास भवन के नीर निर्मल परियोजना में आउट सोर्सिग कर्मचारियों की आड़ में चल रहा घोटाला कोई नई बात नही है। सोमवार को इस विभाग के लिपिक पर सीडीओ सैमुअल पाल एन की नाराजगी को गलत नही कहा जा सकता। क्योंकि, यहां आउट सोर्सिग कर्मचारी की तनख्वाह से लेकर वाहन के डीजल के पैसे की बंदरबांट चल रही थी। अगर गहराई से जांच कराई गई तो विभाग के कई आलाधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं।

मार्च में जारी हुआ था नोटिस

नीर निर्मल परियोजना के तहत आउट सोर्सिग पर रखे गए डीपीएम (डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैेनेजरर) को निकालने के लिए मार्च में पूर्व सीडीओ ने नोटिस जारी किया था। आरोप है कि यह नोटिस विभागीय लेवल पर दबा दिया गया। दबाव डाले जाने पर यह नोटिस 22 मई को लखनऊ भेजा गया और तीस मई को शासन से डीपीएम को बाहर किए जाने का आदेश दे दिया था। इस बीच गायब चल रहे डीपीएम की सैलरी लगातार बनती रही। सोर्सेज बताते हैं कि जून की सैलरी भी उसकी निकाल ली गई। संबंधित क्लर्क दिनकर द्विवेदी द्वारा ऐसे ही आउट सोर्सिग कर्मचारियों की अनुपस्थिति को उपस्थिति में बदलने के लिए दूसरा रजिस्टर भी रखता था। यह बात सीडीओ सैमुअल पाल एन के छापे में सामने आ गई थी।

वाहन के डीजल के पैसे का भी गोलमाल

विभागीय सोर्सेज यह भी बताते हैं कि परियोजना के अंतर्गत एक वाहन भी हायर किया गया है। इसके डीजल का पैसा भी विभागीय लिपिक और अधिकारियों की बंदरबांट का शिकार हो गया है। जबकि इस वाहन का व्यक्तिगत यूज किया जा रहा है। यह सब सीडीओ द्वारा बैठाई गई जांच का हिस्सा है। अगर परत दर परत खुली तो इस नीर निर्मल परियोजना में लाखों का नही, बल्कि इससे कही अधिक का हेरफेर सामने आ सकता है।

अन्य विभागों में भी होनी चाहिए जांच

केवल नीर निर्मल परियोजना नही बल्कि विकास भवन क तमाम विभागों की भी जांच होनी चाहिए। बता दें कि इस समय में लगभग एक हजार कर्मचारी आउट सोर्सिग के जरिए विकास भवन की विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत हैं। इनमें से कईयों की सैलरी एक लाख रुपए के आसपास है। इनकी नियुक्ति मैन पावर एजेंसियों के जरिए संबंधित विभागों ने की है। यह कर्मचारी सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन करते हैं। सूत्रों की माने तो अन्य विभागों में जांच हो तो ऐसे हेरफेर सामने आ सकते हैं।

पूरा मामला मेरे संज्ञान में आया है। क्लर्क को शोकॉज नोटिस का जवाब देने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। आगे की कार्रवाई बुधवार को की जाएगी। दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नही जाएगा।

सैमुअल पाल एन, सीडीओ