ट्यूजडे को कोस्ट गार्ड डीआईजी बीके लोशाली को उनकी पोस्ट से रिमूव करने के बाद उन्हें अगले आदेश तक रीजनल ऑफिस में रिपोर्ट करने को कहा गया है. लोशाली ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान पब्लिकली कहा था कि 31 दिसंबर की रात को टैरेरिस्ट की मौजूदगी का शक पैदा करने वाली पाकिस्तानी बोट को जान-बूझ कर उड़ा दिया गया था.

कोस्ट गार्ड फोर्स का कहना है कि लोशाली के अगेंस्ट शुरू हुई जांच की वजह से उनका इस पद पर बने रहना उचित नहीं होता. इंडियन कोस्ट गार्ड ने लोशाली के खिलाफ शुरुआती कार्रवाई करते हुए उन्हें कमान की जिम्मेदारी से फिलहाल मुक्त कर दिया है. उन्हें कहा गया है कि बोर्ड आफ इंक्वायरी जारी रहने तक वे इस पद पर नहीं रहेंगे.


हालाकि ये पहले ही समझ आ रहा था कि इस तरह के कंट्रोवर्शियल और डिफेंस ऑग्रेनाइजेशन की रेप्युटेशन को डैमेज करने वाले स्टेटमेंट के बाद लोशाली का अपनी पोस्ट पर बने रहना या कोई और रिस्पांसिबल सीट संभालना वैसे भी पॉसिबल नहीं था. उनके खिलाफ कोर्ट मार्शल तक की नौबत आ सकती है. अब अगले आदेश तक वे फोर्स के रीजनल ऑफिस में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे. सीनियर कोस्ट गार्ड ऑफीशियल्स का तो मानना है कि जांच शुरू होने के बाद इस पद पर से हटाया जाना नॉर्मल प्रोसेज का ही पार्ट है. 

Burnig Boat

क्या था लोशाली का कंट्रोवर्शियल स्टेटमेंट
बीके लोशाली ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान पब्लिकली कहा था कि 31 दिसंबर की रात को सस्पिशस टेरेरिस्ट पाकिस्तानी बोट को जान-बूझ कर उड़ा दिया गया था. उन्होंने तो ये भी दावा किया था कि इसके लिए उन्होंने खुद ही आदेश जारी किया था कि बोट को उड़ा दो क्योंकि हम उन्हें बिीयानी खिलाने के लिए नहीं रखना चाहते. जबकि, इससे पहले रक्षा मंत्री कह चुके थे कि इस बोट में सवार लोगों ने चारों ओर से घिर जाने के बाद खुद ही अपनी बोट में ब्लास्ट  कर दिया था. लोशाली के स्टेटमेंट के सामने आने के बाद डिफेंस मिनिस्ट्री ने वह वीडियो भी रिलीज किया, जिसमें बोट को जलते हुए दिखाया गया है.

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