बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में रिसर्च का अनुभव

2011 में पराग ने स्टेनफोर्ट यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट, याहू और एटीएंडटी जैसी बड़ी टेक्निकल कंपनियों में बतौर रिसर्च इंटर्नशिप काम किया था । फाइनली उन्होंने 2011 में ही ट्वीटर में बतौर विज्ञापन इंजीनियर नौकरी शुरू कर दी। अभी हाल ही में उन्हें मोस्ट डिस्टिंग्विस्ट इंजीनियर के खिताब से भी नवाजा गया था।

ट्वीटर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग

एक रिपोर्ट के अनुसार पराग ने ट्वीटर यूजर्स के टाइमलाइन पर ट्वीट की प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद ली थी। एआई खुद के भी गलत इस्तेमाल पर रोक लगाता है। कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक पराग का काम कंपनी में मुख्य रूप से मशीन लर्निंग और एआई सिखाने पर आधारित होगा। राजस्व उत्पाद और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर टीम की स्केलिंग का काम भी देखेंगे।

सबके लिए शुरू होगा यूजर वेरिफिकेशन

कंपनी के सीईओ जैक डॉर्सी ने पेरिस्कोप के एक लाइव स्ट्रीमिंग में कहा कि ट्वीटर लोगों के वेरिफिकेशन बढ़ाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी हर यूजर के लिए वेरिफिकेशन शुरू करना चाहती है। हालांकि उन्होंने इसके लिए डिटेल में जानकारी नहीं दी है। ट्वीटर ने वेरिफिकेशन में खामी बताकर पहले यूजर वेरिफिकेशन बंद कर दिया था। अब एक फिर से वह इसके लिए आवेदन ले सकती है।

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