मिड-डे मील प्राधिकरण ने जारी किया मार्च तक का बजट

फर्जी दस्तावेजों से पैसा लेने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई

Meerut। मिड-डे मील के सुचारू रूप से वितरण को लेकर चाहे जितने दावे किए जाए, लेकिन हीलाहवाली कम होने से नाम नहीं ले रही है। हालत यह है परिषदीय स्कूलों में बच्चों के मिड-डे मील में फल वितरण के लिए मिड-डे मील प्राधिकरण ने बजट जारी कर दिया है। जबकि इस साल का सत्र समाप्त होने को है। योजना के तहत प्राधिकरण की ओर से मेरठ मंडल के लिए 1,49,51,3376 रूपये जारी किए हैं। यह राशि जुलाई 2017 से मार्च 2018 तक के लिए जारी की गई है।

बकाया होगा पूरा

ग्रांट के अभाव में पिछले सत्र से कई स्कूलों में मिड-डे मील में फल वितरित नहीं किए जा रहे थे। जबकि कुछ स्कूल बच्चों के हित को देखते हुए अपने पास से ही फल वितरित कर रहे थे। इस समयावधि में जिन स्कूलों ने फल वितरित किए हैं, उनको इस ग्रांट से बकाया दिया जाएगा।

अप्रैल से जून की ग्रांट

मिड-डे मील प्राधिकरण की ओर से अप्रैल 2017 से जून 2017 के लिए करीब 50 लाख की ग्रांट जारी की गई थी। लेकिन स्कूलों व विभाग की लापरवाही के चलते इस ग्रांट को अवमुक्त नहीं किया जा सका। जिसके बाद प्राधिकरण की ओर से यह ग्रांट वापस ले ली गई थी। तीन तिमाही की ग्रांट के साथ ही प्राधिकरण ने यह ग्रांट भी विभाग को जारी कर दी है।

हेराफेरी पर कार्रवाई

पिछली तीन तिमाही में ग्रांट न होने के एवज में कई स्कूलों ने बच्चों को फल नहीं बांटे थे। जबकि स्कूलों की ओर से रिकार्ड पूरे दिए गए हैं। ग्रांट जारी होने के बाद सभी स्कूलों के रिकार्ड चेक किए जाएंगे। अगर कोई स्कूल बिना फल वितरित किए हुए बकाया पैसा लेते हुए मिला तो विभाग की ओर से उस पर वित्तीय गबन व अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

फल के लिए मिलने वाली पूरी ग्रांट आ गई हैं। मार्च तक का पैसा हमें मिला है, जिसमें से बकाया दिया जाएगा। अगर किसी ने गलत बकाया लिया तो उस पर कार्रवाई होगी।

वीरेंद्र कुमार, डिविजनल कोर्डिनेटर, मिड-डे मील