हंगामा, विरोध, आरोप, प्रत्यारोप के बीच बीते पांच साल, अरबों का हुआ विकास कार्य
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ALLAHABAD: संगम नगरी इलाहाबाद के विकास का संकल्प लेने वाले मिनी सदन के 80 पार्षदों व मेयर अभिलाषा गुप्ता ने मंगलवार को पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। इस कार्यकाल में कभी विकास कार्य, कभी पब्लिक की समस्या तो कभी अपने व्यक्तिगत अहं को लेकर काफी हंगामा और विवाद भी हुआ, लेकिन अंत में विकास के मुद्दे को लेकर सदन एक साथ दिखा। ये पार्षदों का दावा है।
क्या-क्या हुआ
महाकुंभ का आयोजन हुआ। इलाहाबाद स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल हुआ
पूरे देश में सफाई सुधार में फर्स्ट पोजिशन पर पहुंचा
कॉमर्शियल टैक्स तीन गुना या पहले वाला लिया जाए, मामला अनिर्णित
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए एडब्ल्यूपी के बाद भी हरी-भरी भी फेल
2015 में इलाहाबाद नगर निगम त्रिस्तरीय सफाई सुधार में नंबर वन रहा
2012-13 में शहर के 80 वार्ड में 357 रोड व संपर्क मार्गो के मरम्मत व निर्माण का कार्य
2013-14 में चार चरण में 409 सड़कों व गलियों की हुई मरम्मत जिस पर कुल खर्च हुआ
2014-15 में 500 से अधिक और 2015-16 में भी 400 से अधिक सड़कों व गलियों की मरम्मत
2012-13 में 33 पार्को का ब्यूटीफिकेशन
पांच सालों में इनकम और खर्च
वर्ष आय व्यय
2012-13 4,44,74,11,682 4,44,74,11,682
2013-14 4,41,15,77,329 4,41,14,95,793
2014-15 5,23,21,17,977 5,23,21,65,889
2015-16 6,31,20,60,857 6,31,20,06,826
2016-17 5,57,56,30,891 5,57,56,30,891
मिनी सदन एक नजर में
12
जुलाई 2012 को आया नगर निकाय चुनाव का परिणाम
19
जुलाई को नव निर्वाचित मेयर और पार्षदों ने शपथ ग्रहण किया
01
अगस्त 2012 को नगर निगम कार्यकारिणी की हुई पहली बैठक
08
अगस्त 2012 को नगर निगम बोर्ड की हुई थी पहली बैठक
90
पार्षद हैं मिनी सदन में, इसमें से दस नामित पार्षद हैं
30
है सदन में महिला पार्षदों की संख्या
अधूरे हैं कई प्रोजेक्ट
शहर के 25 पार्को के ब्यूटीफिकेशन का कार्य
चंद्रलोक टॉकीज के पास चौराहे का विस्तार और ब्यूटीफिकेशन
हटिया चौराहे से कटघर चौराहे तक मॉडल रोड का निर्माण
शहर के सभी 80 वार्डो को ओडीएफ बनाने की योजना
समस्याएं अब भी बरकरार
गलियां
2012 में बनने के बावजूद शहर की अधिकतर गलियां अब भी बुरी दशा में हैं
पेयजल
जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 400 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी समस्या बरकरार है।
सीवर
जेएनएनयूआरएम योजना में शहर में सीवर लाइन बिछाई गई थी, जो ध्वस्त हो गई। फिर केंद्रीय योजना के तहत सीवर लाइन बिछाई जा रही है।
सड़क
80 वार्ड वाले शहर में पक्की सड़क की कुल लंबाई 2146 किलोमीटर और कच्ची सड़कों की लंबाई 77 किलोमीटर है। केवल वीआईपी इलाके की सड़कें ही चलने लायक हैं।
पांच साल के कार्यकाल में विकास कार्य में कमी नहीं आने दी। 13वें वित्त, 14वें वित्त और अवस्थापना निधि से भरपूर पैसा मिला। राज्य वित्त से मिलने वाली धनराशि में कटौती से दिक्कत हुई।
अभिलाषा गुप्ता
मेयर, नगर निगम
इलाहाबाद
महापौर के नेतृत्व में विकास के मुद्दे पर पार्षद एकजुट रहे। मनमानी, भ्रष्टाचार और शहर की जनता पर बोझ डालने के निर्णयों का भाजपा ने विरोध किया। भाजपा सरकार बनने के बाद काम में तेजी आई।
गिरी शंकर प्रभाकर, पार्षद-भाजपा
सभासद के रूप में लगातार ये तीसरा कार्यकाल था। इस कार्यकाल में जबर्दस्त विकास कार्य हुआ। इसके पूर्व कार्य कराने के लिए परेशान होना पड़ता था। हालांकि तमाम प्रयास के बाद भी कुछ काम अधूरे रह गए।
नेम कुमार यादव, पार्षद- सपा
पूरे पांच साल पार्षद जनता के लिए लड़ते रहे। कुछ चुनिंदा पार्षदों के क्षेत्र में अधिक कार्य हुआ। सदन ने विकास पर कदम बढ़ाया, लेकिन अधिकारी सक्रिय नहीं दिखे।
सतीश कुमार केसरवानी
पार्षद, बसपा नेता
शहर की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। स्मार्ट सिटी के नाम पर केवल मनमानी हो रही है। प्लानिंग में अविकसित इलाकों का जिक्र ही नहीं है।
मीनू तिवारी
पार्षद, कांग्रेस