-मेडिकल कॉलेज में सिर्फ टेक्निशियन के भरोसे डिपार्टमेंट
-एक्सरे न होने पर रोजाना 150 पेशेंट लौट रहे बैंरग
-मरीजों को बाहर से करवाना पड़ रहा है एमआरआई और एक्सरे
मेरठ। मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्थाएं हैं.आलम यह है रेडियोलॉजी विभाग में जबरदस्त मारामारी है। एक तरफ तो मरीजों के एक्सरे नहीं हो पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हद तो यह है कि कई बार मरीजों को गलत रिपोर्ट तक थमा दी जाती है।
वापस लौट रहे मरीज
रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट से रोजाना तकरीबन 150 पेशेंट्स को वापस लौटना पड़ रहा है। मरीजों का कहना कि विभाग में एक्स-रे के लिए फिल्म नहीं होती तो कभी डॉक्टर या टेक्निशियन नहीं मिलते हैं। जिससे मरीजों का परेशानी उठानी पड़ती है।
बाहर से करवाते हैं एक्सरे
एक्सरे के लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ता है। जिसके एवज में मरीजों को मोटी रकम देनी पड़ती है जबकि मेडिकल कॉलेज में महज 40 रुपये में एक्स-रे की सुविधा है।
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टेक्निशयन के भरोसे विभाग
ओपीडी में बने रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में न तो डॉक्टर मिलते हैं और न एचओडी, जबकि पूरा विभाग टेक्निशियन और स्टूडेंट्स के दम पर चल रहा हैं।
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20 हजार की फिल्म मंगवाई
कॉलेज प्रशासन ने मंगलवार को 20 हजार रूपये की एक्स-रे फिल्म मंगवाने के आर्डर दिए है। जिसके बाद मरीजों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
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हमारे पास साधन नहीं हैं। हम क्या करें
डॉ। यास्मीन एचओडी। रेडियोलॉजी विभाग
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मेरे पास रेडियोलॉजी विभाग की शिकायतें आ रही हैं। जल्द ही एक्शन लेंगे।
डॉ। विभू साहनी, सीएमएस