- सीके अनिल की राष्ट्रपति से गुहार के बाद सवाल

- क्यों आ रहे हैं धमकी भरे फोन और कौन कर रहा है पीछा

PATNA : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआईटी के रडार पर चल रहे प्रदेश के सीनियर आईएएस सीके अनिल ने जान पर खतरा की बात कहकर प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मचा दिया है। अब सवाल ये है कि आखिर उनकी जान कौन लेना चाहता है? कौन उन्हें फोन कर जान की धमकी दे रहा है? ऐसे कई सवाल हैं जो सीनियर आईएएस के पत्र से निकले हैं जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। बात पुलिस अफसरों की करें तो वह इसे कार्रवाई में बचाव का आधार बता रहे हैं क्योंकि एसआईटी सूत्रों का दावा है कि सीके अनिल के खिलाफ काफी सबूत हैं। इस दावे के इतर सवाल ये भी है कि अगर वह पेपर लीक मामले में संलिप्त हैं तो फिर क्यों सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं? पब्लिक से लेकर अफसर तक इस सवाल में उलझे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मामले को लेकर जब प्रदेश के कुछ एक्सपर्ट अफसरों से बात की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं जो अब आपके सामने हैं।

एक नजर में मामला

- प्रदेश में बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक का मामला सामने आया

- पटना पुलिस के एसएसपी मनु महाराज की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई

- पेपर लीक मामले में एसआईटी ने कई लोगों को गिरफ्तार किया जिसके बाद कुछ अहम सुराग मिले

- सुराग मिलते ही एसआईटी ने बीएसएससी के सचिव को गिरफ्तार किया

- गिरफ्तारी और छापेमारी की कार्रवाई चलती रही जिसमें अध्यक्ष सुधीर कुमार को अरेस्ट किया गया

- सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के बाद आईएएस एसोसिएशन आगे आया और आंदोलन की रणनीति भी बनी

- अब तक आधा दर्जन से अधिक गिरफ्तारी हो चुकी है और एसआईटी सीके अनिल पर घात लगाई है

- सीके अनिल पटना से बाहर हैं और उनका मोबाइल बंद है, सूत्रों का कहना है कि पुलिस उनकी तलाश कर रही है

- सीके अनिल के पत्र से मची खलबली

- आईटी के टॉरगेट पर चल रहे सीके अनिल ने राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और कार्मिक विभाग के केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा

- पत्र में निर्दोष होने की बात कहते हुए सीके अनिल ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की

- एसआईटी पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए सी के अनिल ने सीएम सहित बड़े अफसरों पर गंभीर आरोप लगाया

- सीके अनिल ने जान पर खतरा बताते हुए, कई फोन कॉल से धमकी मिलने की बात कहकर सवाल खड़ा कर दिया है

- कहीं ये कारण तो नहीं?

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब सीके अनिल के पत्र में जान पर खतरे को लेकर प्रदेश के कुछ एक्सपर्ट अफसरों से बात की तो कई मामला सामने आया। प्रदेश के एक सीनियर पुलिस अफसर ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि मामला काफी हाई प्रोफाइल है और इसमें सिर्फ बीएसएससी के अफसर और कर्मचारी ही नहीं शामिल हैं। पेपर लीक में प्रदेश के कई ऐसे सफेदपोश लोग भी शामिल हो सकते हैं जिनका नाम आने के बाद राजनीतिक मर्डर की संभावना है। ऐसे में सीके अनिल के मुंह से ऐसे लोगों का नाम न आए इसलिए भी निशाना बनाया जा सकता है। पुलिस अफसर ने इस आशंका के साथ ये भी कहा है कि इस गिरोह में शामिल अन्य लोग भी उन्हें निशाना बना सकते हैं जिसका सुराग आईएएस अफसर के पास हो सकता है। कई अन्य अफसरों से बात करने पर अधिकतर लोगों का यही कहना है कि ये काफी बड़ा स्कैंडल है इसमें राजनीतिक और घोटाले में शामिल गिरोह के सदस्य निशाने बना सकते है। एक और कारण चर्चा में है कि सीके अनिल ने प्रदेश के एक बाहुबली की कमर तोड़ने का काम किया है वह भी एक आधार हो सकता है।

- प्रदेश के कई अफसरों के साथ हो चुकी है घटना

प्रदेश के एक बड़े पद पर तैनात पुलिस अफसर की मानें तो बिहार में अफसर शेफ नहीं हैं। वर्ष क्99ब् में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि यहां अफसरों पर कई बार हमले हो चुके हैं। उन्होंने 80 के दशक में गोपालगंज के एक अन्य डीएम की हत्या का उल्लेख करते हुए सीके अनिल के हत्या की आशंका को भी गंभीरता से लेने की बात कही है। उनका कहना है सीके अनिल प्रदेश के तेज तर्रार अफसर हैं और उन्होंने अगर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जान पर खतरे की आशंका जताई है तो निश्चित तौर पर गंभीर व जांच का विषय है।