हर दिन के खाने में मौजूद हो सकते हैं खतरनाक प्लास्टिक के 100 से ज्यादा कण

यह बात सुनकर आप चौंक रहे होंगे कि हम बिना जाने इतना सारे प्लास्टिक कण कैसे खा जाते हैं। आखिर ये कैसे पॉसिबल है? तो सुनिए ब्रिटेन में हुई एक हालिया रिसर्च बताती है कि ज्यादातर लोग अंजाने में ही रोजाना काफी मात्रा में खतरनाक प्लास्टिक कणों को निगल जाते हैं। इस रिपोर्ट के हिसाब से पूरे साल में एक आम इंसान 68,415 खतरनाक प्लास्टिक पार्टिकल्स को अपने पेट में पहुंचा देता है। हेल्थ के लिए ऐसा करना कितना खतरनाक होगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। अगर आप सोच रहे हैं कि ये प्लास्टिक के कण हमारे खाने और सब्जियों में मिले हुए हैं, तो ऐसा नहीं है।

प्‍लास्टिक चावल के बाद अब पता चला कि हम रोज ही अंजाने में इतनी प्‍लास्टिक खा जाते हैं?


प्लास्टिक प्लेटों
, डिब्बों और डिस्पोजल बर्तनों के कारण होता है ऐसा

यूके की Heriot-Watt University की एक रिसर्च टीम ने काफी लंबे शोध के बाद इस बात का पता लगाया कि ये महीन प्लास्टिक कण घर में मौजूद फूड प्रोडक्ट्स में नहीं बल्कि प्लास्टिक की प्लेटों, खाने के सामान रखने के डिब्बों, ओवन के बर्तन और डिस्पोजल बर्तनों से हमारे खाने में शामिल हो जाते हैं। प्लास्टिक से बनी प्लेटों खासतौर डिस्पोजल प्लास्टिक बर्तनों में हर वक्त एक ऐसी धूल जमा रहती है, जो आंखों से भले ही न दिखाई दे, लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त है। इस रिसर्च के दौरान टीम ने तमाम घरों में रात के खाने के दौरान प्लास्टिक प्लेट्स, फाइबर के बर्तनों और डिब्बों के इस्तेमाल की निगरानी की। खाने के पहले और बाद में खाने के बर्तनों की लैब टेस्टिंग की गई। 20 मिनट के खाने के बाद प्लेटों की जांच में टीम को हर एक प्लेट में प्लास्टिक के 14 कण मिले। इस हिसाब से हर एक व्यक्ति ने अपने खाने में तकरीबन 114 प्लास्टिक कण निगल लिए।

प्‍लास्टिक चावल के बाद अब पता चला कि हम रोज ही अंजाने में इतनी प्‍लास्टिक खा जाते हैं?

प्लास्टिक प्लेट में खाना न भी खाएं तब भी रिस्क बरकरार

इस रिसर्च के दौरान यह पता चला कि भले ही लोग फाइबर और प्लास्टिक के बर्तनों में खाना न खाएं, लेकिन अगर ऐसी प्लेटें, ओवन के बर्तन और डिब्बे आपके खाने के आसपास या किचन में भी रखे हैं, तो उन पर जमी महीन डस्ट आपके खाने और फिर आपके पेट तक पहुंच जाती है। इसी न दिखने वाली धूल में शामिल होते हैं प्लास्टिक कण, जो बाद में आपके पेट और शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब जरा सोचिए यह रिसर्च यूके में हुई, जहां के शहरों और घरों में डस्ट पार्टिकल बहुत कम होते हैं। इस हिसाब से अंदाजा लगाएं तो भारत के तमाम शहरों के घरों में हर तरह की डस्ट पर्याप्त मात्रा में मिलेगी। रिसर्च टीम ने इस बारे में साफ कहा कि हमारे खाने की प्लेट में मौजूद ये खतरनाक प्लास्टिक कण फूड प्रोडक्ट्स से नहीं बल्कि हमारे किचन और डाइनिंग के वातावरण से आते हैं।

(एजेंसी इनपुट सहित)

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