13 साल बाद आया फैसला

फूलन देवी हत्याकांड में दिल्ली की एक अदालत ने शेर सिंह राणा को दोषी मानते हुए बाकि 10 लोगों को बरी कर दिया. यह मुकदमा पिछले 13 सालों से लंबित था. कोर्ट ने राणा को हत्या, हत्या के प्रयास और समान इरादे संबंधी धाराओं के अंतर्गत दोषी ठहराया है. मुकदमे का फैसला आने पर शेरसिंह राणा ने कोर्ट से कहा कि जब सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया तो मुझे ही क्यों दोषी माना जा रहा है. इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि राणा की सजा के ऊपर 12 अगस्त को बहस होगी. इसके बाद राणा का वकील दिल्ली की अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे सकता है. कोर्ट के इस फैसले से धन प्रकाश, शेखर सिंह, राजबीर सिंह, विजय सिंह उर्फ राजू (शेर सिंह राणा के भाई) राजेंद्र सिंह, केशव चौहान, प्रवीण मित्तल, अमित राठी, सुरेंद्र सिंह नेगी और श्रवण कुमार को बरी कर दिया गया है. इसके साथ ही प्रदीप सिंह तिहाड़ जेल में 2013 में मौत हो चुकी है. इसलिए उनपर मुकदमा बंद कर दिया गया है.

कौन थीं फूलनदेवी

समाजवादी पार्टी की सांसद फूलनदेवी राजनीति में आने से पहले एक दस्यू सुंदरी थीं. फूलनदेवी के साथ वर्ष 1980 में सामुहिक बलात्कार हुआ जिसका बदला लेने के लिए फूलन देवी ने बंदूक उठा ली. इसके बाद 1981 में फूलन देवी ने बदला लेने के लिए बेहमई हत्याकांड को अंजाम दिया. इस हत्याकांड ने फूलन देवी को एक चर्चित हस्ती बना दिया. हालांकि फूलन देवी ने 1981 में आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद 11 सालों तक जेल में रहने के बाद फूलन देवी ने 1994 में भदोही से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और सांसद बन गईं.

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