हेडिंग--

कामयाब बनाना है cashless plan

-सरकार कर रही डिजिटल मनी ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल बढ़ाने का प्रयास

-बिना कैश डिजिटल पेमेंट के ढेरों उपाय हैं मौजूद

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कैश की किल्लत बेवजह नहीं है। ऐसा कहना है बैंक अधिकारियों का। उनकी मानें तो ब्लैकमनी पर लगाम और लेन-देन को कैशलेस करने के जिस उद्देश्य से सरकार ने नोटबंदी किया था वो पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही थी। जैसे ही पर्याप्त मात्रा में नयी करेंसी का फ्लो मार्केट में हुआ पब्लिक ने डिजिटल मनी ट्राजेक्शन कम कर दिया। ज्यादातर लेन-देन कैश होने लगी। इससे ब्लैकमनी का भी खतरा बढ़ने लगा। इसे देखते हुए गवर्नमेंट ने एक बार फिर करेंसी का फ्लो कम कर दिया है। जितनी डिमांड है उसके मुताबिक कम करेंसी शहर में भेजी रही है। इस हालात की जानकारी न होने की वजह से पब्लिक ने कैश लेनदेन को कम नहीं किया है। इसके चलते रोज परेशानी बढ़ती जा रही है।

क्यों है परेशान जब हैं ऑप्शंस

ढेरों ऐसे ऑप्शन मौजूद हैं जिनसे बिना कैश लेन-देन किया जा सकता है। सबसे अधिक इस्तेमाल क्रेडिट- डेबिट कार्ड का हो रहा है। मोबाइल से पेमेंट करने के आसान तरीके पेटीएम को स्मार्ट फोन में अपलोड किया जा सकता है। इसके साथ नेट बैंकिंग का इस्तेमाल बेहद आसान है। बैंकों की डिजिटल ई-गैलेरी का फायदा ख्ब् घंटे अकाउंट ओपन और मनी ट्रांजेक्शन के लिए हो सकता है। ई वायलेट तो जैसे फैशन का रूप लेता जा रहा है। आईआरसीटीसी मनी ट्रांजेक्शन से ट्रेन टिकट बुकिंग होने के साथ ही अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिलता है। वहीं डिजिटल ई-बैंक गैलेरी का नया ट्रेंड भी बढ़ा है। इसके जरिए ग्राहक कियोस्क सेंटर से सीधे पेमेंट जमा कर सकते हैं।

फायदे हैं बहुत

-रुपयों के बिना लेन-देन करने के ढेरों फायदे हैं

-इसके इस्तेमाल के लिए कार्ड स्वैपिंग मशीन का होना जरूरी है

-क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जब चाहे तब और जहां चाहें वहां रुपयों का लेन-देन कर सकते हैं

-प्लास्टिक मनी पास में होने पर जेब में ढेर नोट लेकर घूमने की जरूरत नहीं पड़ती है

-प्लास्टिक कार्ड से लूट-छिनैती जैसी घटना का डर नहीं रहता है

-इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी बिना खतरे के रुपयों का लेन-देन आसानी से किया जा सकता है

-मनी ट्रांजेक्शन के मोबाइल एप के जरिए जरूरत की चीज के लिए पेमेंट किया जा सकता है

-ई वायलेट तो बिल्कुल आपके जेब में मौजूद वायलेट जैसे है लेकिन इनमें कागज के नोटों की जरूरत नहीं होती

-इसके जरिए पेमेंट करके आप आसानी से अपनी जरूरत के सामान हासिल कर सकते हैं

-पेटीयम का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा रहा है। यह लोगों को बेहद सहूलियत भरा लग रहा है

जिले में यूबीआई के 9भ् फीसद से ज्यादा एटीएम काम कर रहे हैं। कुछ तकनीकी वजहों से बंद होने पर ख्ब् घंटे के अंदर गड़बड़ी दूर कर दी जाती है।

रंजीत सिंह

एलडीएम, यूनियन बैंक

शहर में धन निकासी का दबाव कुछ ज्यादा है। एटीएम में कैश नहीं होने की जानकारी के कुछ ही घंटों में कैश रीफिल कर दी जाती है। तकनीकी गड़बड़ी की सूचना मिलने पर भी त्वरित कार्रवाई होती है।

संजय मिश्रा

सहायक महाप्रबंधक, एसबीआई