आबकारी विभाग को पीएमओ ने भेजा पत्र, मामला दूधली का

- 600 से ज्यादा शराब तस्कर इस साल हो चुके गिरफ्तार

- 55000 से ज्यादा अवैध शराब की बोतलें दून में बरामद

- 2 करोड़ से ज्यादा की इस साल बरामद हुई अवैध शराब

देहरादून

राजधानी देहरादून में नशे का कारोबार कितना फल फूल रहा है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अवैध शराब की बिक्री को लेकर देहरादून आबकारी महकमे को पीएमओ ने पत्र भेजकर ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल दूधली के एक स्थानीय निवासी ने सीधे पीएमओ में शिकायत की थी कि इलाके में जमकर शराब तस्करी हो रही है। इतना ही नहीं, दून के कई इलाकों में लगातार अवैध शराब पकड़ी जा रही है और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है।

पैर पसार रहा शराब सिंडिकेट

कहने को तो दून प्रदेश की राजधानी है लेकिन दून में पकड़े जा रहे तस्करी के मामलों से यह बात स्पष्ट हो गई है कि दून में शराब सिंडिकेट किस कदर अपने पैर पसार रहा है। इतना ही नहीं शहर के आउटर इलाकों की बात की जाए तो शराब की इसकदर तस्करी है कि पुलिस और आबकारी विभाग तस्कारों के सामने नतमस्तक नजर आते हैं। विभाग द्वारा अपने स्तर पर कार्रवाई के लाख दावे किए जा रहे हैं लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। पुलिस विभाग शराब की तस्करी में इस साल 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लगभग डेढ करोड़ रुपए की शराब पकड़ चुका है। लेकिन स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है।

विभाग कितना चुस्त?

जिला आबकारी अधिकारी पवन सिंह ने बताया कि राजधानी में लगातार आउटर इलाकों में विभाग द्वारा शराब तस्करी को रोकने के लिए विशेष टीमों का पहले ही गठन किया गया है। कुछ इलाके जिले में ज्यादा संवेदनशील हैं जिनमें समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। पीएमओ के पत्र कुछ समय पहले ही प्राप्त हुआ है इस पत्र में कुछ नाम दिए गए हैं उनपर जांच की जा रही है।

रायवाला सबसे ज्यादा संवेदनशील

शहर के बाहरी इलाकों से सटे रायवाला और ऋषिकेश से लगते शहर के इलाकों में सबसे ज्यादा शराब तस्करी के मामले सामने आते हैं। पीएमओ द्वारा भेजे गए एक पत्र में ऐसे ही एक गांव का नाम लिखा गया है जिसके आस-पास शराब तस्कर सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। जानकार यह भी बता रहे हैं कि ऋषिकेष में किसी भी शराब का ठेका न होने की वजह से यह तस्करी उन इलाकों में सबसे ज्यादा है।

लापरवाही पर रोका वेतन

आबकारी विभाग के दावों और हकीकतों में कितना फर्क है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि आबकारी मुख्यालय ने चार जिलों के आबकारी पवर्तन अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। देहरादून जिला भी उनमें से एक है। मुख्यालय ने चारों जिलों के अधिकारियों से अवैध शराब तस्करी पर रोक न लगाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

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अभियान से खत्म होगी बिमारी

राजधानी में लगातार दून पुलिस नशे के खिलाफ अभियान चला रही है। इतना ही नशे के सौदागरों को दून पुलिस पकड़ने में भी कामयाब रही है। लेकिन बावजूद इसके देहरादून और आसपास के इलाकों में नशे का कारोबार खूब फल फूल रहा है। शराब की तस्करी रोकने के लिए भी पुलिस महकमा राजधानी के साथ-साथ शहर से सटे इलाकों में भी लगातार पेट्रोलिंग करती रहती है। पुलिस और एसटीएफ लगातार शराब तस्करी को रोकने के लिए प्रयास तो कर रही है, लेकिन शहर से सटे गांवों में स्थानीय लोगों की मदद से तस्करी का काम खूब फल फूल रहा है। इसके लिए स्थानीय लोगों को भी जागरूक होने की भी जरूरत है। जब तक स्थानीय लोगों और आसपास की चौकी, थानों में आपसी तालमेल नहीं होगा तब तक ये बीमारी यूं ही फैलती रहेगी।

नशे के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसके बेहतर परिणाम भी सामने आए हैं। नशा एक सोशल बीमारी है। इसको खत्म करने के लिए पुलिस महकमा गंभीर है।

स्वीटी अग्रवाल, एसएसपी

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लगातार शहर के सभी इलाकों में अवैध शराब के खिलाफ अभियान जारी है। हर बार कोशिश यही रहती है कि बड़े सिंडिकेट को पकड़ा जाए ताकि शराब की तस्करी रोकी जा सके।

पवन सिंह, जिला आबकारी अधिकारी