कांग्रेस के आरोपों का बीजेपी ने संसद में दिया तीखा पलटवार

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में जीत के उत्साह से भरपूर भाजपा अब 2019 की तैयारियों में जुट गई है। यही कारण है कि एक तरफ जहां कांग्रेस के आरोपों पर तीखा पलटवार जारी है, वहीं उन मुद्दों पर भी सरकार की सोच स्पष्ट की जाने लगी है जिसे लेकर विपक्ष ने भ्रम फैलाया था। जिम्मेदारी दी गई तेजतर्रार मंत्री रविशंकर प्रसाद को। सोमवार को संसद में विपक्ष ने पीएनबी घोटाले का मुद्दा उठाया था।

इधर चुनाव नतीजे आ रहे थे, उधर चिदंबरम मंजूरी दे रहे थे

भाजपा कार्यालय से रविशंकर ने कांग्रेस को याद दिलाया कि 2013 के अगस्त में चिदंबरम ने 80-20 योजना लागू की थी जिसमें केवल एमएमटीसी और पीएसयू को सोना आयात करने का अधिकार दिया गया था। लेकिन 16 मई, 2014 को जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे और कांग्रेस हार रही थी, उसी दिन चिदंबरम ने सात निजी कंपनियों को भी आशीर्वाद देते हुए इसकी छूट दे दी। इनमें चोकसी की कंपनी गीतांजलि भी शामिल थी।

राहुल भी बताएं, किसे फायदा पहुंचाने के लिए था फैसला

रविशंकर ने पूछा कि खुद चिदंबरम और राहुल को इसका जवाब देना चाहिए कि यह किसे फायदा पहुंचाने के लिए था? रविशंकर ने कहा कि इसका उल्लेख कैग रिपोर्ट में भी है। जाहिर है कि एक अन्य मामले में कार्ति की बेगुनाही की बात कर रहे चिदंबरम को अब खुद को पाक-साफ साबित करना होगा।

छिपा लिए फंसे लोन के 82 फीसदी

रविशंकर ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के काल में बढ़े फंसे लोन यानी एनपीए और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के दामाद को दिए गए एनपीएन लोन का हवाला देते हुए राहुल गांधी से भी जवाब मांगा। रविशंकर ने एनपीए का पूरा ठीकरा यूपीए सरकार पर फोड़ा और कहा कि उस काल में बैंकों ने लगभग 52 लाख करोड़ का लोन दिया था। इनमें 2014 तक 36 फीसदी हिस्सा ही फंसा हुआ दिखाया गया था। आज के दिन पारदर्शिता के कारण यह सच्चाई बाहर आई है। उक्त 52 लाख करोड़ का 82 फीसदी हिस्सा फंसा हुआ है। इसका एक बड़ा हिस्सा एनपीए हो चुका है।

कांग्रेस फैला रही अफवाहें

रविशंकर ने कहा कि कांग्रेस झूठ, भ्रम और भय फैलाकर सरकार को बदनाम करना चाहती है। लेकिन लगातार आ रहे चुनावी नतीजों से साफ है कि जनता उस भ्रम के जाल में फंसने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि राफेल को लेकर कांग्रेस सरकार 10 साल तक निर्णय नहीं कर पाई। मोदी सरकार ने न केवल फैसला लिया बल्कि उचित कीमत पर प्रभावी राफेल लिया है। इस क्रम में रविशंकर ने 13 अंकों के मोबाइल नंबर, बैंकों में खाताधारकों से कनवीनियंस फी वसूलने जैसी अफवाहों के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

क्या है 80:20 योजना

- इसमें सोना आयात करने पर 20 फीसदी को जेवर के रूप में निर्यात करना जरूरी था।

- यह योजना चालू खाते का घाटा कम करने के लिए लाई गई थी।

- मोदी सरकार ने 28 नवंबर, 2014 को यह स्कीम बंद करने का फैसला लिया।

कैग ने एक लाख करोड़ के नुकसान का किया दावा

- अगस्त 2016 में संसद में पेश रिपोर्ट में कैग ने योजना में कई गड़बडिय़ां गिनाई थीं।

- योजना सोने का आयात कम करने के लिए थी, लेकिन वह और बढ़ गया था। इसके कारण सरकार को एक लाख करोड़ का नुकसान हुआ।

एनपीए संकट देश को कांग्रेस की देन है और यूपीए का सबसे बड़ा घोटाला है। नोटबंदी के दौरान जब पूरा देश कालेधन के खिलाफ खड़ा था तब कांग्रेस गरीबों की आड़ में कालेधन का समर्थन कर भ्रम और भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही थी।

- अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष

Business News inextlive from Business News Desk